84 दिनों के इंतजार से रूचि हो जाती है कम
रायपुर में अब तक किसी भी आयु वर्ग का 100 प्रतिशत वैक्सीनेशन नहीं हुआ है। 17 प्रतिशत हेल्थ केयर, 17 प्रतिशत फ्रंट लाइन वर्कर्स तथा 41 प्रतिशत सीनियर सीटिजन अभी भी सेकंड डोज से वंचित है। 18 से 44 वर्ग के आयुवर्ग में भी सिर्फ 23 प्रतिशत को सेकंड डोज लगा है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी इस बात को मान रहे हैं कि कोविशील्ड का फर्स्ट डोज के बाद दूसरे के लिए 84 दिनों के इंतजार से टीके के प्रति रूचि कम हो जाती है।
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रायपुर जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. आशीष वर्मा ने कहा, विकासखंडों में घर-घर जाकर कोरोना का टीका लगाया जा रहा है। टीके का एक भी डोज नहीं लगवाने वालों का सर्वे कराकर सूची तैयार की जा रही है। ग्रामीण क्षेत्र के लोगों में अभी भी भ्रांतिया फैली हुई है, जिसे दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।यह भी पढ़ें: कोरोना के संभावित तीसरी लहर के बीच बच्चों में वायरल फीवर के साथ दिखे ये लक्षण, तो न करें अनदेखी
टीका नहीं लगवाने के प्रमुख कारण
1. बुखार आने की संभावना, जिससे 2-3 दिन कामकाज प्रभावित होने का डर।
2. टीके के दुष्प्रभाव को लेकर दूसरों की बातों पर ग्रामीण ज्यादा जता रहे ज्यादा विश्वास।
3. बिना टीका लगवाए अब तक कोरोना से बचे हैं, फिर क्यों लगवाने की बात मन में।
4. पहला डोज लगवाने के बाद कोरोना से पूर्णरूप से सुरक्षित होने का विश्वास।
5. फर्स्ट डोज के बाद दूसरे डोज के लिए ज्यादा गैप इसलिए भी नहीं दिखा रहे रूचि।
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रायपुर जिले में 16 जनवरी से 11 सितंबर तक हुआ टीकाकरण
वर्ग लक्ष्य फर्स्ट डोज (प्रतिशत) सेकंड डोज (प्रतिशत)
हेल्थ केयर वर्कर्स 48061 41462 (86) 34398 (83)
फ्रंट लाइन वर्कर्स 41771 39828 (95) 32530 (83)
18 से 44 वर्ष 1153131 849441 (74) 198111 (23)
सीनियर सीटिजन 509593 472421 (93) 280625 (59)