हालांकि इन्हें अस्तित्व में आने में अभी समय लगेगा, लेकिन सरकार ने अपने स्तर पर तैयारी तेज कर दी है। दो ग्राम पंचायतों को नगर पंचायत बनाने के लिए सरकार ने कैबिनेट की बैठक में नियमों को भी शिथिल किया है। इनमें राजनांदगांव जिले की ग्राम पंचायत घुमका (CG News) और सक्ती जिले की ग्राम पंचायत पोरथा शामिल हैं। बता दें कि इस सरकार के कार्यकाल में कुल छह नए जिले का गठन हुआ है। वहीं सीएम ने 4 मई 2022 से भेंट-मुलाकात का कार्यक्रम शुरू किया था।
लोरमी को नगर पालिका बनाने की घोषणा Chhattisgarh assembly elections 2023: मुख्यमंत्री नगर पंचायत लोरमी को नगर पालिका बनाने की घोषणा की है। वहीं सरकार के गठन के बाद नगर निगम रिसाली अस्तित्व में आया था। वहीं दुर्ग जिले की नगर पंचायत अमलेश्वर में कुछ सीमा को जोड़ते हुए उसे नगर पालिका का दर्जा दिया गया है।
इनको नगर पंचायत बनाने की घोषणा इसके अलावा सीएम ने मस्तूरी विधानसभा की ग्राम पंचायत सीपत एवं मस्तुरी, मुंगेली जिले के ग्राम गोड़खाम्ही, ग्राम जरहागांव, धरसींवा विधानसभा के ग्राम सिलियारी, बिलासपुर जिले के ग्राम गनियारी, नवागढ़ विधानसभा के ग्राम नांदघाट, बेमेतरा जिले के ग्राम कुसमी, बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के ग्राम रोहांसी, बिलाईगढ़ विधानसभा क्षेत्र के ग्राम सरसींवा व पवनी, महासमुंद जिला के ग्राम पंचायत सांकरा, पिरदा व भंवरपुर, गरियाबंद जिले के देवभोग, डोंगरगढ़ विधानसभा के लाल बहादुर नगर और राजनांदगांव जिले के ग्राम पंचायत घुमका को नगर पंचायत बनाने की घोषणा की है।
इनको मिला नगर पंचायत का दर्जा Chhattisgarh assembly elections 2023: बीते कुछ सालों में मुंगेली जिले की बरेला, बेमेतरा जिले की दाढ़ी, रायपुर जिले की चंदखुरी, मंदिर हसौद व समोदा और जांजगीर-चांपा की ग्राम पंचायत पामगढ़ को नगर पंचायत का दर्जा मिल चुका है। इसके अलावा ग्राम घोठिया को कवर्धा नगर पालिका में शामिल किया गया है।
ये हैं फायदे गांवों में सड़क, पेयजल, ड्रेनेज जैसी सुविधाएं मिल पाएंगी। प्रापर्टी की कीमतें बढ़ेंगी। गांवों में अमृत योजना से पेयजल के काम होंगे। शहरी आजीविका मिशन योजना लागू हो पाएगी। ये नुकसान
मकान बनाने के लिए नक्शा पास कराना होगा। टैक्स का बोझ बढ़ जाएगा। मनरेगा से होने वाले विकास कार्य बंद हो जाएंगे।
राजभवन जता चुका है आपत्ति Chhattisgarh assembly elections 2023: ग्राम पंचायतों को नगर पंचायत का दर्जा सुर्खियों में भी रहा है। पहली बार यह मामला तब सुर्खियों में आया था, जब तत्कालीन राज्यपाल अनुसुईया उइके ने अनुसूचित क्षेत्र की ग्राम पंचायतों को नगर पंचायत का दर्जा दिए जाने पर आपत्ति जताई थी। दरअसल, ग्राम पंचायत मरवाही को नगर पंचायत का दर्जा दिया गया था। इस मामले की शिकायत राजभवन तक में हुई थीं। चूंकि नवगठित जिला गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही पांचवीं अनुसूची के अंतर्गत आता है, इसलिए इसे राज्यपाल ने तत्काल संज्ञान लिया है।
बता दें कि राज्यपाल ने इससे पूर्व भी छत्तीसगढ़ में 27 ग्राम पंचायतों को नगर पंचायत में परिवर्तन करने पर आपत्ति जताई थी।