Chhattisgarh Rajyotsava 2017: वास्तव में आदिवासियों की धरती और उनके लिए बना छत्तीसगढ़ राज्य छत्तीसगढ़ हमेशा से श्रद्धा और सद्भाव की भूमि है। यह खूबी आज से नहीं है, यह त्रेता युग से है। छत्तीसगढ़ में 27 में से 20 ऐसे जिले हैं, जहां यह बताया जाता है कि वनवास काल के दौरान राम गुजरे थे। इस क्षेत्र को दण्डक वन या दण्डकारण्य क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। कोरिया जिले से उन्होंने छत्तीसगढ़ में प्रवेश किया और सुकमा जिले से वह छत्तीसगढ़ के बाहर दक्षिण गए थे। शबरी यहीं की थी।
Chhattisgrh Rajyotsava 2017: यहां घनघोर वनों के बीच है एेसा जीवन, जो प्रदेश को दिलाती है अलग पहचान शिवरीनारायण नाम का स्थान आज भी है। राम जी की ननिहाल छत्तीसगढ़ में ही बताई जाती है। राम जी की मां कौशल्या जी का स्थान रायपुर के करीब आरंग के पास चंदखुरी नामक गांव में स्थित है। तालाब से घिरे द्वीप पर कौशल्या जी का मंदिर है, जहां कौशल्या जी की गोद में विराजमान हैं भगवान राम। यह उदार कबीरपंथियों की भूमि है। आदिवासियों, संत-ऋषियों की भूमि है।