रायपुर

Chhattisgarh Rajyotsava 2017: दुनिया में एक मात्र कौशल्या माता मंदिर छत्तीसगढ़ में

आइए जानते हैं धर्म सदभावना की दूसरी शक्ति…

रायपुरNov 02, 2017 / 06:34 pm

चंदू निर्मलकर

रायपुर . छत्तीसगढ़ राज्य के स्थापना दिवस पर सबसे पहले आभार उन महानुभावों का, जिन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य गठित करवाया। अलग राज्य गठन के बाद हमने बहुत कुछ पाया है और अभी बहुत कुछ पाना शेष है। आज समय है कि हमें अपनी संपन्नता बढ़ाने के लिए अपनी ताकतों का पूरा इस्तेमाल करना होगा। तो आज आइए गिनते हैं, वो दस ताकतें या शक्तियां, जिनसे छत्तीसगढ़ बनता है, जो छत्तीसगढ़ की पहचान हैं। आइए जानते हैं धर्म सदभावना की दूसरी शक्ति
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छत्तीसगढ़ हमेशा से श्रद्धा और सद्भाव की भूमि है। यह खूबी आज से नहीं है, यह त्रेता युग से है। छत्तीसगढ़ में 27 में से 20 ऐसे जिले हैं, जहां यह बताया जाता है कि वनवास काल के दौरान राम गुजरे थे। इस क्षेत्र को दण्डक वन या दण्डकारण्य क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। कोरिया जिले से उन्होंने छत्तीसगढ़ में प्रवेश किया और सुकमा जिले से वह छत्तीसगढ़ के बाहर दक्षिण गए थे। शबरी यहीं की थी।
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शिवरीनारायण नाम का स्थान आज भी है। राम जी की ननिहाल छत्तीसगढ़ में ही बताई जाती है। राम जी की मां कौशल्या जी का स्थान रायपुर के करीब आरंग के पास चंदखुरी नामक गांव में स्थित है। तालाब से घिरे द्वीप पर कौशल्या जी का मंदिर है, जहां कौशल्या जी की गोद में विराजमान हैं भगवान राम। यह उदार कबीरपंथियों की भूमि है। आदिवासियों, संत-ऋषियों की भूमि है।
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