अपने इस इस 1 मिनट 31 सेकेण्ड के पैरोडी सांग में दादी की जिंदादिली देखते ही बन रही है। वो इस गाने के माध्यम से अपने बुढ़ापे के कारण ज़िन्दगी में आये छोटे बड़े बदलावों के बारे में बात करती है। चाहे वो दांत के गिर जाने के बाद खाने से समझौता तो, हड्डियों के कमजोर होने के बाद लाठी का सहारा या आँखों के लिए बढ़ता हुआ लेंस।
आपको बता दें कि बुजुर्ग महिला जिस गाने की पैरोडी गा रही हैं वो 1983 में आयी फिल्म बेताब का गाना है। इस फिल्म के जरिये ही सनी देओल ने अपनी फ़िल्मी पारी का आगाज किया था। इस गीत को आनंद बक्शी ने लिखा था, राहुल देव बर्मन ने इसे संगीत से सजाया और लता मंगेशकर ने इसे अपनी आवाज दी थी, जिसके लिए उन्हें फिल्म फेयर का नॉमिनेशन भी मिला था।