CG Paddy Purchase: 3217 रुपए में धान खरीदी की मांग
CG Paddy Purchase: ऐसे में प्रदेश के किसान संगठन राज्य सरकार से 3217 रुपए में
धान खरीदी की मांग करने लगे हैं। इसे कांग्रेस का भी समर्थन मिल रहा है। हालांकि यह बात अलग है कि सियासत में कई बार किसान धोखा भी खा चुके हैं। इसके बाद किसानों ने सरकार को सबक भी सिखाया है। यही वजह है कि भाजपा सत्ता में आने के बाद 1 लाख 56 हजार से अधिक किसानों को दो साल के बकाया बोनस के रूप में 799 करोड़ से अधिक की राशि का भुगतान कर चुकी है।
इसलिए हो रहा विवाद
वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 3100 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से धान खरीदी का वादा किया था। उस समय केंद्र सरकार का समर्थन मूल्य ए ग्रेड धान के लिए 2203 रुपए था। यानी किसानों को समर्थन मूल्य से 897 रुपए प्रति क्विंटल अधिक मिले थे। इस बार केंद्र सरकार ने समर्थन मूल्य में 117 रुपए की वृद्धि की है। अब किसान चाहते हैं कि यह वृद्धि 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर में हो। यानी किसानों को इस बार धान की कीमत 3217 रुपए मिले। इसके लिए किसानों को प्रदेश की धान खरीदी की नीति जारी होने का इंतजार है।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अनुराग अग्रवाल ने कहा कि पिछली बार भाजपा सरकार ने ऐतिहासिक धान खरीदी की थी। भाजपा ने अपने घोषणा पत्र के वादों को पूरा किया था। इससे प्रदेश के किसान खुशहाल हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर युद्ध के माहौल के बाद भी खाद की कीमत नहीं बढ़ाई गई है। विष्णुदेव साय सरकार किसान हितैषी है।
कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि केंद्र के समर्थन मूल्य बढ़ाने के बाद सरकार को प्रति क्विंटल 3217 रुपए के हिसाब से धान की कीमत देनी चाहिए। यदि सरकार किसानों की हितैषी है, तो 1 नवम्बर से धान खरीदी की शुरुआत करें। इसके साथ ही किसानों को एकमुश्त राशि भुगतान करें।
भारतीय किसान यूनियन के महासचिव तेजराम विद्रोही ने कहा कि सरकार को 1 नवम्बर से धान खरीदी शुरू करना चाहिए। साथ ही धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य राज्य सरकार की 3100 रुपए और केन्द्र सरकार की बढ़ी हुई कीमत 117 रुपए जोड़कर 3217 रुपए प्रति क्विंटल की दर से देना चाहिए।
एक्सपर्ट की जुबानी समझे नफा-नुकसान
किसान नेता, राजकुमार गुप्त का कहना है कि वर्ष 2018-19 में कांग्रेस सरकार आई और अपने घोषणा पत्र के मुताबिक 2500 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से धान खरीदी की। इस पर केंद्र सरकार ने आपत्ति जताई और कहा, सरकार किसानों को बोनस दे रही है। इसके बाद सरकार ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना लाई। इसमें किसानों को 10000 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से सब्सिडी दी। इस समय केंद्र ने समर्थन मूल्य बढ़ाया, लेकिन किसानों को उसका ज्यादा फायदा नहीं हुआ। धान उत्पादक किसानों को सब्सिडी देने पर फिर आपत्ति तो सरकार ने सभी किसानों को 9000 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से सब्सिडी दी। इसके बाद केंद्र का समर्थन मूल्य बढ़ने पर उसका फायदा किसानों को भी मिलता रहा। वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 3100 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से धान खरीदी का वादा किया। इसके हिसाब से खरीदी हुई। वर्ष 2024 में केंद्र सरकार ने समर्थन मूल्य में 117 रुपए की वृद्धि की है। अभी राज्य सरकार ने धान खरीदी की नीति जारी नहीं की है, लेकिन सरकार 3100 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से ही धान खरीदेगी करेगी, ताे किसानों को किसानों को 117 रुपए प्रति क्विंटल का नुकसान होगा।
फैक्ट फाइल
10 साल पहले 2014-15 में 62 लाख मीट्रिक टन की खरीदी 10 साल बाद 2024-25 में 160 लाख मीट्रिक टन खरीदी का लक्ष्य फैक्ट फाइल वर्ष- धान खरीदी की मात्रा-कुल भुगतान 2018-19- 80,37,011- 20094.32 2019-20- 83,94,581-15285.86 2020-21- 92,02,388- 17240.59 2021-22- 97,99,367- 19037.02 2022-23- 107,53,025- 22067.00 2023-24- 144,92,096-34394 (लगभग) (धान खरीदी की मात्रा टन में, कुल भुगतान में बोनस, बकाया बोनस, इनपुट सब्सिडी की राशि शामिल है)