CG News: लाइसेंस लेकर कोई भी अपने रेस्टोरेंट और ढाबों में अंग्रेजी शराब और बियर बेच सकता है। ग्राहकों को वहीं बैठकर शराब पीना होगा। विभाग ने इसके लाइसेंस में बार के लाइसेंस से करीब 5 लाख रुपए की बढा़ेतरी की है। बताया जाता है कि रेस्टोरेंट में शराब पूरी कवायद शराब की खपत बढ़ाना और मुनाफा कमाना है।
माहौल भी होगा खराब
रेस्टोरेंट और ढाबों में कई लोग अपने परिवार के साथ खाना खाने जाते हैं। अब ऐसे स्थानों पर शराब पीने की व्यवस्था रहेगी, तो नशे में लड़ाई-झगड़ा और महिलाओं से बदसलूकी जैसी घटनाएं होने की आशंका रहेगी। दूसरी ओर कानून व्यवस्था के हिसाब से भी कई परेशानियां आएंगी। दूसरी ओर कई रेस्टोरेंट रहवासी इलाकों में संचालित हैं। वे भी लाइसेंस लेंगे। इससे आसपास का माहौल भी खराब होगा।
खपत होगी कम
शहर में 50 से ज्यादा बार संचालित हो रहे हैं। इन्हें
शराब के मासिक खपत का टारगेट दिया जाता है। अब रेस्टोरेंटों में शराब बिकने लगेगी, तो बारों में खपत कम होगा। इससे उनके सामने मासिक और सालाना टारगेट पूरा करने में समस्या आएगी।
200 से ज्यादा रेस्टोरेंट-ढाबा
शहर में 200 से ज्यादा
रेस्टोरेंट और ढाबा संचालित हो रहे हैं। अधिकांश में चोरी छिपे शराब पिलाई जा रही है। कई लोग एक दिन शराब पिलाने के नाम पर लाइसेंस लेते हैं, लेकिन पूरे सप्ताह दो नंबर से शराब परोसते हैं। ऐसे लोग अब लाइसेंस लेकर शराब पिलाएंगे।
दोपहर 12 से रात 12 तक की अनुमति
रेस्टोरेंटों में शराब पिलाने का लाइसेंस लेने वालों को दोपहर 12 से रात 12 बजे तक शराब परोसने की छूट रहेगी। साथ ही उन्हें शराब दुकानों से ही शराब खरीदना होगा और रेस्टोरेंट के भीतर 20 फीसदी अधिक रेट पर शराब बेच सकेंगे।