पत्रिका ने 22 मई के अंक में नए मेडिकल कॉलेजों के लिए केंद्र ने दिए 500 करोड़, अब तक निर्माण नहीं शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। तीनों कॉलेजों की बिल्डिंग के मामले में केंद्र सरकार नाराजगी भी जता चुकी है। दरअसल, ये तीनों कॉलेज केंद्र प्रवर्तित योजना के तहत बनाए जा रहे हैं। इसमें 60 फीसदी फंड केंद्र सरकार देगी।
CG Medical College: इस मामले में पिछले साल डीएमई को दिल्ली भी तलब किया गया था। बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियाें ने कहा था कि फंड की कमी नहीं है, प्रोग्रेस रिपोर्ट दिखाइए और फंड ले जाइए। दो साल पहले फंड मिलने के बाद भी बिल्डिंग निर्माण शुरू नहीं हुआ है। सीजीएमएससी तीनों भवनाें को बनाएगा। वैसे भी दवा से लेकर इक्विपमेंट सप्लाई में दवा कॉर्पोरेशन की लेटलतीफी जगजाहिर है। ऐसे में भवन निर्माण में भी काफी देरी हो रही है।
जायसवाल ने बैठक में अधिकारियों से कहा कि तीनों कॉलेज के निर्माण जल्द शुरू होने चाहिए। ताकि मेडिकल छात्रों को कोई परेशानी न हो। स्वास्थ्य मंत्री ने मुख्यमंत्री शासकीय अस्पताल रूपांतरण कोष की अधिशासी समिति ( सीएमपीएचटीएफसी) की बैठक में भी जरूरी निर्देश दिए। इसके साथ ही सीजीएमएससी लिमिटेड के संचालक मंडल की 46वीं बैठक में भी शामिल होकर जायसवाल ने विभाग के कार्य और योजनाओं की समीक्षा की। स्वास्थ्य मंत्री ने बैठक में एचएससीसी द्वारा पैथोलॉजी लैब स्ट्रेंथनिंग के संबंध में आवश्यक कार्ययोजना बनाने के निर्देश भी दिए हैं।
CG Medical College: देखिए चार्ट
छत्तीसगढ़ के कांकेर, महासमुंद और कोरबा के
मेडिकल कॉलेजों में बुनियादी ढांचे को दर्शाने वाला चार्ट यहां दिया गया है। चार्ट में प्रत्येक कॉलेज के लिए बेड, डॉक्टरों, विभागों, प्रयोगशालाओं और एम्बुलेंस की संख्या का डेटा शामिल है।