वर्तमान में
प्रदेश में एमबीबीएस की 1910 सीटें हैं। नई सीटें मिलने से सीटों की संख्या बढ़कर 2210 हो जाएगी। इससे कट ऑफ मार्क्स 5 अंक तक गिर सकता है। एनएमसी की टीम ने शुक्रवार को रायपुर स्थित व तीन दिन पहले भिलाई स्थित निजी मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया। ये दूसरी बार निरीक्षण है। पहले निरीक्षण में कुछ कमियां बताई गई थीं, जिसे दूर की गई। इसके बाद एनएमसी की टीम ने इसकी जांच की। भिलाई के कॉलेज को पिछले साल मान्यता नहीं मिल पाई थी।
जबकि, नवा रायपुर के कॉलेज का पहली बार निरीक्षण किया गया। सरकारी कॉलेजों व पुराने निजी कॉलेजों का निरीक्षण पहले ही हो चुका है। सरकारी व निजी कॉलेजों पर 2 से 10 लाख रुपए तक जुर्माना लगाया गया है। एनएमसी ने कहा है कि जुर्माना पटाइए और रिनुअल के लिए तैयार रहिए। इससे ये माना जा रहा है कि जिन कॉलेजों ने एनएमसी को पेनाल्टी पटा दी है, उन्हें मान्यता मिलनी तय है। यानी 10 सरकारी व 3 निजी कॉलेजों की 1910 सीटों को मान्यता मिलनी तय है। इसमें बालाजी, कांकेर समेत कुछ कॉलेजों को नए सत्र के लिए मान्यता मिल चुकी है।
CG Medical College: एमबीबीएस की कहां कितनी सीटें
कॉलेज – सीटें रायपुर – 230
दुर्ग – 200
बिलासपुर – 180
अंबिकापुर – 125
रायगढ़ – 100
कोरबा – 125
राजनांदगांव – 125
महासमुंद – 125
कांकेर – 125
जगदलपुर – 125
बालाजी – 150
रिस – 150
शंकराचार्य – 150
कुल – 1910 CG Medical College: प्रदेश के छात्र को 720 में 710 अंक मिले
प्रदेश के एक छात्र को नीट यूजी में 720 में 710 अंक मिला है। उन्हें नई दिल्ली स्थित एस में सीट नहीं मिल पाएगी। दरअसल, इस बार आल इंडिया रैंक एक में 67 छात्र आए हैं। इसी पर विवाद है और नीट की सीबीआई जांच भी शुरू हो चुकी है। देशभर में परीक्षा व प्रस्तावित काउंसलिंग रद्द करने के लिए प्रदर्शन चल रहा है। हालांकि कोर्ट ने परीक्षा रद्द करने से पहले ही इनकार कर दिया है। मामले की अगली सुनवाई 8 जुलाई को है।
मेडिकल एक्सपर्ट व सीनियर कैंसर सर्जन डॉ. युसूफ मेमन व रिटायर्ड डीन डॉ. सीके शुक्ला के अनुसार, टॉप एक में आने वाले 67 में सभी छात्रों का एस में एडमिशन मुश्किल है, क्योंकि वहां इतनी सीटें नहीं हैं। इस बार रैंक काफी ऊपर जाने के कारण कटऑफ भी बढ़ेगा। ये स्थिति छत्तीसगढ़ ही नहीं, दूसरे राज्यों में भी रहेगी। फिलहाल, सीबीआई जांच के बीच नीट यूजी रद्द होने की अटकलें हैं। इससे छात्रों की परेशानी बढ़ गई है।