CG News: कोबाल्ट मशीन का जीवन खत्म हुए साढ़े 12 साल हो गया है। रिस्क में मरीजों की सिंकाई की जा रही है। वहीं मेमोग्राफी मशीन 9 साल पहले ही एक्सपायर हो चुकी है। यह मशीन तीन साल से बंद है, जिससे
महिलाओं के ब्रेस्ट की गांठ की जांच ठप है। इन 4 मशीनों पर 25 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च होंगे। कैंसर विभाग की ओपीडी में रोजाना 300 से 350 मरीजों का इलाज किया जा रहा है। इनमें 20 से 25 मरीज नए होते हैं। इनमें 100 से ज्यादा लोगों को रोज सिंकाई की जरूरत पड़ती है। इन मरीजों की सिंकाई लिनियर एक्सीलरेटर के अलावा कोबाल्ट, ब्रेकीथैरेपी मशीन से की जाती है।
जिन महिलाओं के ब्रेस्ट की सर्जरी हो जाती है, ऐसी महिलाओं के दूसरे ब्रेस्ट की जांच की जरूरत पड़ती है। रेडिएशन यानी सिंकाई की प्लानिंग के लिए सीटी सिम्युलेटर से जांच की जरूरत पड़ती है। ये
मशीन दो साल से बंद है और जांच का पूरा भार रेडियोलॉजी स्थित सीटी स्कैन मशीन पर आ गई है। इसलिए ये मशीन आए दिन खराब हो रही है। विभाग में दो लिनियर एक्सीलरेटर मशीन है, जो सिंकाई के लिए एडवांस मशीन है। एक मशीन 2010 में व दूसरी मशीन 2015 में खरीदी गई थी। 2010 में खरीदी गई मशीन का साफ्टवेयर व हार्डवेयर समय-समय पर अपग्रेड किया जा रहा है। इसलिए यह मशीन अभी एक्सपायर नहीं होगी। दो साल पहले ब्रेकीथैरेपी मशीन को दान से मिले 35 हजार रुपए से रिपेयरिंग की गई थी।
CG News: 6 साल से पेट सीटी व गामा कैमरा चालू नहीं
कैंसर विभाग में 6 साल से पेट सीटी स्कैन मशीन व गामा कैमरा मशीन शुरू नहीं हो पाई है। दोनों मशीनों की कीमत 22 करोड़ रुपए है। पेट सीटी से यह पता चलता है कि शरीर में
कैंसर कितना फैल चुका है। बीपीएल के लिए 10 हजार व एपीएल के लिए 15500 रुपए जांच शुल्क तय किया गया था। आयुष्मान से फ्री जांच होती। दो निजी अस्पताल व एम्स में यह मशीन है।
मशीन और उसका उपयोग
मेमोग्राफी यह मशीन भी 2004 में अस्पताल में स्थापित की गई थी। रोज 70 से 80
महिलाओं की जांच की जा रही थी, जो तीन साल से बंद है। इससे महिलाओं को निजी अस्पतालों में जांच करानी पड़ रही है। नई मशीन 1 से डेढ़ करोड़ में आएगी।
डीएसए 2009 में 4 करोड़ की लागत से खरीदी गई थी। मशीन एक्सपायर हो चुकी है, और कंपनी ने मेंटेनेंस से हाथ खड़े कर दिए हैं। मरीजों के सिर की एंजियोग्राफी की जा रही है। नई मशीन 7 से 8 करोड़ में आएगी।
एमआरआई 3 टेसला एमआरआई 2012 में खरीदी गई थी। तब इसकी कीमत 12 करोड़ थी। अब इसकी कीमत बढ़कर 15 करोड़ के आसपास हो गई है। इसकी लाइफ भी खत्म होने वाली है।
एक्सरे 4 से ज्यादा एक्सरे मशीन एक्सपायर हो चुकी है। एक नई मशीन 70 लाख से 1 करोड़ में आती है। ये मशीन 2005 में खरीदी गई थी। सोनोग्राफी 2 मशीन एक्सपायर हो चुकी है। नई मशीनों की कीमत 25 से 30 लाख से इससे ज्यादा होती है। ये मशीनें 2005 के आसपास खरीदी गई थी।
सीटी स्कैन एक मशीन 2002 पहले ही एक्सपायर हो चुकी है। दूसरी मशीन 2012 में खरीदी गई थी। ये मशीन एक्सपायर हो गई है। नई मशीन 10 से 11 करोड़ में आएगी। कोबाल्ट
यह मशीन 2003 में खरीदी गई थी। अमूमन मशीन का जीवन 8 से 10 साल होता है। मशीन का जीवन साढ़े 10 साल पहले खत्म हो चुका है। अस्पताल में रोजाना 90 से 100 मरीजों की सिंकाई की जा रही है। नई मशीन की कीमत 5 से 7 करोड़ रुपए है।
ब्रेकीथैरेपी इस मशीन को 2004 में खरीदा गया था। मशीन 2014 में एक्सपायर हो चुकी है। बच्चेदानी के अंदर कैंसर की सिंकाई की जाती है। रोजाना 8 से 10 महिलाओं की सिंकाई की जा रही है। नई मशीन की कीमत 8 से 10 करोड़ रुपए है।
सीटी सिम्युलेटर सीटी सिम्युलेटर मशीन 2010 में खरीदी गई थी। किसी मरीज की सिंकाई करनी है तो इस मशीन से कंप्यूटर में इमेज देखकर सिंकाई की प्लानिंग की जाती है। रोज 15 से 20 की जांच की जा रही है। दो साल मशीन बंद है। नई मशीन 5 से 7 करोड़ रुपए की है।
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