हाल ही में मोबाइल फोन पर अधीक्षक ने कहा कि सर क्यों मरीजों को भर्ती कर इलाज नहीं किया जाता, क्यों गंभीर मरीजों को भी आंबेडकर अस्पताल भेजा जाता है। इस पर डायरेक्टर ने कहा कि वे सभी मरीजों को भर्ती कर इलाज नहीं कर सकते। उन्होंने इसके लिए बेड फुल होने का हवाला दिया।
CG Hospital: एम्स से गंभीर मरीजों को रेफर करना नई बात नहीं
CG Hospital: उन्होंने यहां तक कह दिया कि एम्स टर्सरी सेंटर है। ऐसे में हर मरीजों को भर्ती नहीं किया जा सकता। इस पर अधीक्षक ने भी कहा कि मेडिकल कॉलेज संबद्ध अस्पताल होने के नाते उनका अस्पताल भी टर्सरी सेंटर है। वे कभी किसी मरीज को बिना इलाज के नहीं लौटाते। बेड फुल होने पर भी जरूरी व्यवस्था कर मरीजों का इलाज किया जाता है। एम्स से गंभीर मरीजों को रेफर करना नई बात नहीं है। जब से एम्स अस्तित्व में आया है, तब से ये ट्रेंड चल रहा है।
हालांकि कायदे से
आंबेडकर अस्पताल के मरीजों को एम्स रेफर किया जाना चाहिए। कुछ केसों में ऐसा होता भी है। जैसे कि हार्ट की बायपास सर्जरी एसीआई में नहीं हो रही है इसलिए मरीजों को एम्स रेफर किया जाता है। वहीं, कैंसर के मरीजों की पेट सीटी स्कैन जांच नहीं होने पर वहां रेफर किया जा रहा है। यानी जो सुविधा आंबेडकर अस्पताल में नहीं है, उसके लिए मरीजों को रेफर किया जा रहा है।
अधीक्षक ने एम्स डायरेक्टर से की बातचीत
जबकि, एम्स हर बार बेड फुल होने का हवाला देकर मरीजों को रेफर करता है। हाल में एक मरीज को निजी अस्पताल तक रेफर कर दिया था। तब एम्स प्रबंधन ने इसे रेसीडेंट डॉक्टर का कारनामा बताया और सभी विभागों को जरूरी निर्देश दिया गया। इसमें
मरीजों को किसी भी सूरत में निजी अस्पताल रेफर न करने की सलाह दी गई। साथ ही पैथोलॉजी जांच के लिए भी निजी डायग्नोस्टिक सेंटर न भेजने को कहा गया।
आंबेडकर अस्पताल अधीक्षक डॉ. संतोष सोनकर ने कहा की एम्स से लगातार मरीजों के रेफर होने पर डायरेक्टर से बात की गई थी। दरअसल कई बार व्यवस्था बनाने में परेशानी होती है। इसके बावजूद हम किसी भी मरीज को बेड फुल होने का हवाला देकर नहीं लौटाते। उनका पर्याप्त इलाज किया जाता है।