इसके अलावा सोशल मीडिया में भी उसी से संबंधित विज्ञापन भी आते हैं। शहर के कई लोगों के पास इसी तरह के कॉल, मैसेज और उनके सोशल मीडिया अकाउंट में विज्ञापन आने लगे हैं। हालांकि साइबर ठग फ्रॉड करने में सफल नहीं हो पाए।
करते हैं घुसपैठ
सोशल मीडिया में साइबर ठगी करने वाले सक्रिय रहते हैं। अक्सर फर्जी नाम, फोटो और अपना स्टेट्स बनाकर रखते हैं। किसी भी तरह से फ्रेंडलिस्ट में शामिल होते हैं। इसके बाद एक-एक चीज पर नजर रखते हैं। कई बार दूसरे के नाम से आईडी बनाकर पीड़ित से जुड़े लोगों से जुड़ जाते हैं। इसके बाद दूसरे अलग-अलग नंबरों से कॉल करके झांसा देने की कोशिश करते हैं। केस-1: एक कारोबारी के बेटे का नीट में चयन हो गया। इसको सेलीब्रेट करते हुए कारोबारी ने अपने कुछ फैमिली फोटो फेसबुक, इंस्टाग्राम और एक्स में शेयर किया। उसके दो दिन बाद से उनके पास मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के नाम से कॉल और मैसेज आने लगे। इसमें उन्हें देश और विदेश के बेहतर मेडिकल कॉलेजों में दाखिले का दावा किया जा रहा था। सोशल मीडिया में भी उसी तरह के विज्ञापन दिखने लगे थे।
केस-2: एक छात्र ने अपने कुछ दोस्तों के साथ शहर से बाहर पार्टी का प्लान किया। उसने ऑनलाइन पोर्टल से कैब बुक किया। डेस्टीनेशन में पहुंचने के बाद सोशल मीडिया में फोटो और कुछ मैसेज शेयर किए। इसके बाद से उसके पास टूर एंड ट्रेवल्स, होटल कारोबार से जुड़े लोगों को कॉल आने लगे। उनके सोशल मीडिया में भी इसी से जुड़े विज्ञापन आने लगे।
CG Cyber Crime: सोशल मीडिया के जरिए होने वाले फ्रॉड
- – शादी, दोस्ती के नाम पर ठगी
- – गिफ्ट भेजने के नाम पर
- – टूरिस्ट प्लेस, धार्मिक स्थान में होटल-लॉज बुक करने के नाम पर
- शेयर ट्रेडिंग, लॉटरी, केबीसी
तत्काल करें शिकायत
क्राइम डीएसपी संजय सिंह के मुताबिक किसी भी तरह की ऑनलाइन ठगी के शिकार होने या ठगी का प्रयास भी होता है, तो उसकी सूचना साइबर हेल्प लाइन में करना चाहिए। हर जिले में साइबर सेल की टीम रहती है। इसके अलावा साइबर हेल्प लाइन नंबर 1930 है। इसमें तत्काल शिकायत दर्ज करानी चाहिए। सोशल मीडिया का इस्तेमाल सावधानी से और जरूरत के हिसाब से करना चाहिए।