CG Crime News: पांडुका ग्रामीण बैंक में चोरी
कर्ज चुकाने के लिए उसने अपने साथी टकेश्वर यादव और एक अपचारी बालक के साथ मिलकर लूट की योजना बनाई। 25 सितंबर को उन्होंने गरियाबंद के केनरा बैंक के एटीएम तोड़ने की कोशिश की। असफल रहे। इसके बाद 26 सितंबर को पांडुका ग्रामीण बैंक में चोरी की योजना बनाई। आधी रात बैंक का शटर तोड़ा। अंदर रखे लॉकर को देखकर ही लग गया कि इसे किसी हाल में नहीं तोड़ पाएंगे। इसके बाद दूसरे कमरों की तलाशी ली पर कहीं फूटी कौड़ी नहीं मिली।
सुरक्षा उपायों को और मजबूत बनाने की दरकार
आरोपी की निशानदेही पर पुलिस ने लूट में शामिल बाकी 2 लोगों को भी गिरफ्तार कर तीनों को कोर्ट में पेश किया। कुल मिलाकर कहानी ‘खाया-पिया कुछ नहीं, गिलास तोड़ा 12 आना’ वाली है। (CG Crime News) घटना बताती है कि कर्ज के बोझ में दबा व्यक्ति कितने जटिल रास्तों पर जा सकता है। बहरहाल, जिले में बढ़ते संगठित अपराधों ने लोगों में चिंता बढ़ा दी है। ऐसे में सुरक्षा उपायों को और मजबूत बनाने की दरकार है। केस सॉल्व करने में पांडुका पुलिस और साइबर सेल की अहम भूमिका रही।
खोदा पहाड़, चुहिया भी नहीं निकली: पकड़ा गए वो अलग
लुटेरों ने अगले दिन पांडुका के ग्रामीण बैंक में बड़ी चोरी की योजना बनाई। उन्होंने महेश साहू के वाहन को किराए पर लेकर चुराए गए सिलेंडरों को छिपाने के लिए पोंड मंडी में रखा। रात को ताला काटकर बेंक अंदर घुसे। मन के अरमान तब पछतावे में बह गए, जब भारी-भरकम सा लॉकर दिखा। यह भी पढ़ें:
संगठित गिरोह का पर्दाफाश
दूसरे कमरों में भी चप्पा-चप्पा ढूंढने के बाद भी जब उन्हेें एक नया पैसा नहीं मिला तो लाखों-करोड़ों मिलने का लालच लिए आए लुटेरों की सारी उम्मीदें धूमिल हो गईं। (CG Crime News) यहां भी सीसीटीवी, डीवीआर चुरा लिया। बाद में जब पोंड़ से सिलेंडर, कटर लेकर लौटते वक्त पुलिस वालों ने उन्हें धरदबोचा। गरियाबंद जिले में बैंक और एटीएम लूटने की कोशिशों ने पुलिस की नींद उड़ा रखी थी। इनकी धरपकड़ के लिए पुलिस को अलग टीम बनानी पड़ी। इन्होंने एक संदिग्ध को पकड़ा, जिसने संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया है। लुटेरे ने बताया कि उस पर 25-30 लाख कर्ज हो गया था। इसे चुकाने के लिए ही उसने 2 अन्य (जिनमें एक नाबालिग है) के साथ मिलकर गरियाबंद के केनरा एटीएम और पांडुका के ग्रामीण बैंक में सेंधमारी की।
पहले पांडुका में लूटमारी का प्लानबनाया, 2 साथी भी शामिल किए
गले तक कर्ज में डूब चुके अरूण ने एक रात पांडुका का ग्रामीण बैंक लुटने का प्लान बनाया। ये बैंक उसके आने-जाने के रास्ते में पड़ता था। उसने देखा था कि यहां ज्यादा भीड़ नहीं होती। उसने गांव के टकेश्वर यादव और एक नाबालिग से भी अपनी योजना साझा की। दोनों को ये प्लान भा गया और वे भी उसके साथ हो लिए। बैंक का शटर और लॉकर तोड़ने के लिए उन्हें कटर और ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत थी। ऐसे में तीनों ने सबसे पहले गरियाबंद की कोमल ट्रैक्टर ट्रॉली दुकान में कटर और सिलेंडर चोरी कर सिलसिलेवार लूटमारी की नींव रखी।
हंसिया-टंगिया लेकर पहुंच गए गरियाबंद, एटीएम खोल न पाए
CG Crime News: लो प्रोफाइल अधूरे लूटकांड के लुटेरों ने ‘जाना था जापान, पहुंच गए चीन’ वाली कहावत भी चरितार्थ कर दिखाया है। पहले बनी लूट की प्लानिंग में गरियाबंद कहीं नहीं था। 25 सितंबर की रात अरूण ने सोचा कि पहले गरियाबंद में कांड करते हैं। हंसिया और टंगिया लेकर वह गरियाबंद में केनरा बैंक का एटीएम लुटने निकल पड़ा। अंधाधुंध कोशिशों के बाद भी जब एटीएम नहीं खुला, तो वहां लगा सीसीटीवी कैमरा और डीवीआर उखाड़कर ले गए।