CBSE class 10 12 topper 2024 CG: 10वीं में युग को 99.2, 12वीं में कृष्णा को मिले 98 प्रतिशत, देखें लिस्ट
CBSE class 10 12 topper 2024 CG: युग माहेश्वरी को दसवीं में 99.2 परसेंट मार्क्स हासिल हुए हैं। उन्हें साइंस, सोशल साइंस और संस्कृत में 100 में 100 अंक मिले हैं..
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CBSE class 10 12 topper 2024 CG: सीबीएसई के नतीजों में गुढ़ियारी रायपुर के युग माहेश्वरी को दसवीं में 99.2 परसेंट मार्क्स हासिल हुए हैं। उन्हें साइंस, सोशल साइंस और संस्कृत में 100 में 100 अंक मिले हैं। बारहवीं में कृष्णा अग्रवाल ने 98 और साहेब सिंह होरा ने 97.60 प्रतिशत अंक लाकर परिवार और स्कूल का नाम रोशन किया है।
इस साल दसवीं में 98 परसेंट प्लस वाले छात्रों की संख्या ज्यादा रही जबकि बारहवीं में कम रही। केंद्रीय विद्यालय- 1 का रिजल्ट दसवीं का हंड्रेस परसेंट रहा जबकि बारहवीं का 98.89 रहा। केवी-2 में दसवीं का 100 और बारहवीं का 99.34 रहा। यहां कॉमर्स की छात्रा अर्पिता ने 96.40 अंक हासिल किए हैं। साइंस में अली अहमद ने 94.4 फीसद प्राप्त किए। दसवीं में इंग्लिश प्लस टॉप 4 सब्जेक्ट पर परसेंटेज निकाला जाता है।
CBSE class 10 12 topper 2024 CG List: रूबिक क्यूब से मैनेज होता है स्ट्रैस: युग
दसवीं के युग ने बताया, मैं कोटा में जेईई की तैयारी क रहा हूं। जब रिजल्ट आया तो मैं क्लास रूम में था। मैंने नौवीं से ही जेईई की प्लानिंग कर ली थी। मुझे एक्शन मूवी, चेस और बैडमिंटन में रुचि है। पढ़ाई का स्ट्रेस कम करने मैं चेस या रूबिक क्यूब में टाइम स्पेंड करता हूं। पढ़ाई के लिए मैंने अलसुबह का समय चुना था।
Board Class Toppers: कचना के रहने वाले देवांश पाड़िया को दसवीं में 98 फीसदी मार्क्स मिले हैं। वे बताते हैं, एग्जाम के दौरान मैंने आठ से नौ घंटे पढ़ाई की। बाकी दिनों में स्कूल के अलावा दो से तीन घंटे सेल्फ स्टडी करता ही था। किसी भी विषय को समझने के लिए कॉन्सेप्ट को रीड करना होता है, मैंने भी वही किया। हिंदी मेरी बहुत कमजोर थी लेकिन उसमें अच्छी मेहनत की और 95 मार्क्स मिल गए। गिटार बजाना मुझे अच्छा लगता है। इससे मुझे मानसिक शांति मिलती है। मैंने एक कॉम्पीटिशन भी जीता है।
तेलीबांधा निवासी तनिशा चौधरी ने दसवीं में 98 परसेंट मार्क्स लाए हैं। वे बताती हैं, लगातार प्रैक्टिस के चलते मेरे पेपर बहुत अच्छे गए। रटने की बजाय मैंने कॉन्सेप्ट को समझा। एग्जाम का प्रेशर मैंने हिंदी और अंग्रेजी गाने सुनकर दूर किया। निगेटिविटी से दूर रही और सिर्फ एग्जाम पर फोकस्ड रही। सोशल मीडिया का यूज भी पढ़ाई के लिए ही किया।
लक्ष्य: सॉफ्वेयर इंजीनियर पैरेंट्स: दिलीप चौधरी, रेणु चौधरी
जितनी ज्यादा प्रैक्टिस, उतने अच्छे नतीजे
cbse topper 2024 class 10 Chhattisgarh: देवेंद्र नगर की रहने वाली विनिशा जालान को दसवीं में 98.2 मार्क्स मिले हैं। वे बताती हैं, मैं अर्ली मॉर्निंग में पढ़ना पसंद करती हूं। टेंथ के लिए मैंने ज्यादा से ज्यादा क्वेश्वन पेपर सॉल्व किए। मेरा मानना है कि जितनी ज्यादा प्रैक्टिस होगी, नतीजे उतने अच्छे आएंगे। मेरी रुचि कथक और ड्राइंग में रही। स्ट्रेस मैनेजमेंट के लिए भी मैंने इंट्रेस्ट को सामने रखा।
लक्ष्य: डॉक्टर पैरेंट्स: प्रमोद जालान, नीतू जलान
12 से 13 घंटे तक की पढ़ाई
आनंदम वर्ल्ड सिटी कचना निवासी दसवीं के अगस्त्य अग्रवाल ने दसवीं में 98.40 प्राप्त किए हैं। उन्हें एआई में 100 में 100 मिले हैं, जबकि इंग्लिश में 99 नंबर मिले। अगस्त्य ने बताया, मैंने बिना ट्यूशन किए यह सफलता हासिल की है। स्कूल में लगातार टेस्ट देते रहा। एग्जाम से चार महीने पहले ही सिलेबस पूरा हो गया था।
इसके बाद मैंने रिवीजन स्टार्ट किया। मैंने 12 से 13 घंटे पढ़ाई की। पिछले साल के पेपर ऑनलाइन सॉल्व किए। जो भी डाउट रहा टीचर से पूछ लेता था। पढ़ाई का तनाव दूर करने मैं अक्सर साइकिलिंग करता और गाने सुनता था। मुझे फुटबॉल भी पसंद है। मैं कभी रट्टा मारने पर विश्वास नहीं रखता हूं। कॉन्सेप्ट क्लियर हों तो सवाल अपने आप सॉल्व होते चले जाते हैं। मैथ्स के लिए मैंने डेली प्रैक्टिस की थी।
लक्ष्य: आईआईटी पैरेंट्स : संजय अग्रवाल, अराधना अग्रवाल सेल्फ स्टडी और रिवीजन से मिली सफलतासक्ती के रहने वाले कृष्णा अग्रवाल ने रायपुर में रहकर पढ़ाई की। उन्हें बारहवीं कॉमर्स में 98 परसेंट मार्क्स मिले हैं। कृष्णा ने बताया, सुबह से दोपहर स्कूल में रहता था। इसके बाद जितना टाइम मिलता सेल्फ स्टडी करता रहा। जो क्लास में पढ़ाया जाता उसे हॉस्टल में रिवीजन करता था। टीचर्स से वर्कशीट मिलती थी। उसमें प्रैक्टिस हो जाती थी। मूड फ्रेश करने के लिए मैं अक्सर बैडमिंटन खेलता था।
लक्ष्य : सॉफ्वेयर इंजीनियर पैरेंट्स: आकाश अग्रवाल, सोनु अग्रवाल अनोखी स्ट्रैटेजी: रात 12 से शाम 6 तक केवल पढ़ाईश्याम नगर के साहेब सिंह ने बारहवीं (ह्यूमैनिटीज) में 97.60 फीसदी नंबर हासिल किए हैं। उनकी स्ट्रैटेजी में पढ़ाई की टाइमिंग निराली है। वे बताते हैं, मैंने इस साल बड़ा एक्सपेरिमेंट किया। शाम 6 से रात 12 बजे तक सोता था और रात 12 के बाद अगले दिन शाम 6 तक पढ़ाई किया करता था। मुझे बचपन से ही इतिहास और राजनीतिक विज्ञान में रुचि रही है। इसलिए मैंने ह्यूमैनिटीज। हिस्ट्री की डेट्स याद करने के लिए मैंने क्रोनोलॉजिक डेट याद की थी। तनाव से दूर रहने के लिए मैंने स्लो म्यूजिक का सहारा लिया। मैंने देखा कि आजकल लोग मानसिक तौर पर बहुत परेशान हैं इसलिए मैंने क्लिनिकल साइकोलॉजिल बनने का लक्ष्य बनाया है।
लक्ष्य: साइकोलॉजिस्ट पैरेंट्स: सतनाम सिंह होरा, मनप्रीत सिंह होरास