scriptPatrika Raksha Kavach Abhiyan: रायपुर में डिजिटल अरेस्ट के अब तक 4 मामले, अकेले रहने वाले हो रहे शिकार | cases of digital arrest so far in Raipur, people living alone are becoming victims | Patrika News
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Patrika Raksha Kavach Abhiyan: रायपुर में डिजिटल अरेस्ट के अब तक 4 मामले, अकेले रहने वाले हो रहे शिकार

Patrika Raksha Kavach Abhiyan: डिजिटल अरेस्ट करने वाले साइबर ठग अकेले रहने वालों को ज्यादा टारगेट कर रहे हैं। पूछताछ के दौरान पारिवारिक स्थिति की पूरी जानकारी ले लेते हैं। इसके बाद उन्हें पीड़ित के घर में ही कैद रहने को कहते हैं। अपराधों के विरुद्ध पत्रिका अभियान से जुड़े रहिए और सतर्क रहिए…

रायपुरDec 02, 2024 / 12:25 pm

Love Sonkar

Patrika Raksha Kavach Abhiyan

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Patrika Raksha Kavach Abhiyan: साइबर ठगों का डिजिटल अरेस्ट करके साइबर ठगी करना लोगों को आर्थिक नुकसान तो पहुंचा ही रहा है, मानसिक रूप से भी बुरी तरह प्रभावित कर रहा है। इसमें जितना बताओगे, उतना फंसोगे जैसी स्थिति रहती है। अपने बारे में जितनी कम जानकारी शेयर करेंगे, उतना सुरक्षित रहेंगे।
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दरअसल साइबर ठग कॉल करके किसी आपराधिक मामले में आपका मोबाइल नंबर, बैंक खाता इस्तेमाल होने की जानकारी देते हैं। इसके बाद गिरफ्तारी करने के नाम पर दबाव डालते हैं। फिर पूछताछ करने के लिए एकांत में रहने के लिए कहते हैं। इस दौरान उनसे व्यक्ति जानकारियां भी लेते हैं। बैंक खाते, संपत्ति और पारिवार की स्थिति के बारे में पूछताछ करते हैं। जितनी जानकारी देते जाते हैं, उतना ही वो गिरफ्तार करने या बड़ा मामला बनाने के नाम पर डराते हैं।इसके बाद डिजिटल अरेस्ट होने के लिए कहते हैं।

अकेले रहने वालों को ज्यादा टारगेट कर रहे

डिजिटल अरेस्ट करने वाले साइबर ठग अकेले रहने वालों को ज्यादा टारगेट कर रहे हैं। पूछताछ के दौरान पारिवारिक स्थिति की पूरी जानकारी ले लेते हैं। इसके बाद उन्हें पीड़ित के घर में ही कैद रहने को कहते हैं। अगर परिवार वाले हैं, तो उन्हें एकांत में जाकर रहने को कहते हैं। रायपुर में डिजिटल अरेस्ट करने के अब तक 4 मामले सामने आ चुके हैं।

पुलिस-कोर्ट, दस्तावेज सब असली जैसे

डिजिटल अरेस्ट के नाम पर ठगने वाले साइबर ठग पुलिस, जज और कोर्ट रूम भी असली जैसा बनाकर रखते हैँ। पहले कॉल करके डराते हैं कि आपका मोबाइल नंबर या बैंक खाता अपराधिक मामले में इस्तेमाल हुआ है। इसके बाद पूछताछ के लिए वीडियो कॉल करते हैं। उसमें किसी पुलिस अधिकारी बनकर बात करते हैँ। वर्दी में देखकर पीड़ित डर जाते हैं। इसके बाद पूछताछ करते हैं। गिरफ्तारी वारंट व अन्य दस्तावेज भेजते हैं। वीडियो के जरिए कोर्ट में भी पेश करते हैं। कोर्ट में उपिस्थति दिखाकर डिजिटल अरेस्ट करने का आदेश देते हैँ। इससे पीड़ित को लगता ही नहीं कि उसके साथ धोखा हो रहा है।

अनजान नंबर वाले वीडियो कॉल न उठाएं

एएसपी क्राइम संदीप मित्तल का कहना है कि अनजान मोबाइल नंबर से वीडियो कॉल आए, तो उसे बिलकुल नहीं उठाएं। डिजिटल अरेस्ट साइबर ठगों की देन है। इस पर कतई भरोसा न करें। अगर ऐसे झांसे में आ भी जाएं, तो घबराए नहीं। तत्काल पुलिस या अपने परिजनों से संपर्क करना चाहिए। साइबर क्राइम के लिए टोल फ्री नंबर 1930 में कॉल कर सकते हैं।

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