पैसे नहीं मिलने से पीएम आवास का रुका काम, गरीबों की बढ़ी मुसीबतें, झोपड़ियों में रहने को मजबूर
15 से ज्यादा गोताखोरों को लगाया गयाइंटकवेल की ये स्थिति बुधवार रात 9 बजे से थी। ऐसे में 15 से ज्यादा गोताखोरों के दल को उतारा गया। गुरुवार पूरे दिन मेहनत करने के बाद इंटकवेल को साफ किया जा सका। हालांकि, फिल्टर प्लांट तक महज 60 फीसदी ही भर पाया। इसके चलते देर शाम तक टंकियों में ज्यादा पानी नहीं भर पाया। नतीजतन कुछ इलाकों में पानी की सप्लाई हो सकी, कुछ जगहों पर नहीं। जहां सप्लाई हुई भी, वहां पानी की धार इतनी पतली थी कि लोगों को जरूरत के मुताबिक पानी नहीं मिल पाया। निगम के अधिकारियों की मानें तो शुक्रवार सुबह तक पानी की आपूर्ति सामान्य हो जाएगी।
जान हथेली पर रख उफनते नाले को पार करना ग्रामीणों की मजबूरी, राशन के लिए जद्दोजहज
आउटर की लगभग सभी टंकी खाली, शहर के भीतर सामान्य इंटकवेल चोक होने से शहर के आउटर के इलाकों में स्थित पानी टंकियां पूरी तरह सूखी रहीं। उदाहरण के तौर पर चंगोराभाठा, बोरियाखुर्द, देवपुरी, रायपुरा, टाटीबंध, कचना, कबीर नगर जैसे इलाकों में पूरे दिन पानी की सप्लाई नहीं हो सकी। जबकि, शहर के भीतर मोतीबाग, बैरन बाजार, देवेंद्र नगर की पानी टंकी से लोगों को जल की सामान्य आपूर्ति की गई।विधवा महिला के साथ गैंगरेप, इस हाल में जंगल में मिली महिला, फैली सनसनी
दिनभर दौड़ते रहे टैंकर फिर भी पानी की समस्या निगम ने इस समस्या को देखते हुए सुबह से ही टैंकरों की व्यवस्था दुरूस्त कर दी थी। नगर निगम के टैंकर पूरे दिन पानी लेकर अलग-अलग इलाकों में दौड़ते रहे। कुछ एक जगहों पर पानी को लेकर लोगों में खींचतान देखने को भी मिला। निगम अमले ने पूरा प्रयास जरूर किया, लेकिन 10 लाख की आबादी के जरूरत के सामने ये इंतजाम नाकाम नजर आए।अभी शहर में 36 पानी की टंकियां हैं। वर्तमान में शहर में इन टंकियों से करीब 15 लाख लोगों को पीने का पानी नगर निगम हर रोज पहुंचाता है। हाल ही में कई बार शहर में किसी न किसी कारण से पानी की व्यवस्था प्रभावित हुई है। शहर के बहुत से हिस्सों में पानी की पतली धार नल से आने की वजह से पूरी तरह जरुरत के हिसाब से पानी नहीं मिल पा रहा। चंगोराभाटा जैसे इलाकों में टैंकर से पानी की सप्लाई करने की नौबत है।