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पहले ही दिन 5 हजार से ज्यादा टिकट कैंसिल, एक हफ्ते तक लोकल के यात्री भी होंगे परेशान मांसपेशियों को बढ़ाने के लिए प्रोटीन पाउडर के नाम पर बाजार में बिकने वाले स्टेरॉयड के सेवन से बचना चाहिए। वरना बड़ी मुसीबतें आ सकती हैं। उन्होंने कहा, आजकल ये देखने में आता है कि मांसपेशियों की ताकत और शक्ति को प्राकृतिक सीमा से अधिक बढ़ाने के लिए कुछ लोग एनाबॉलिक-एंड्रोजेनिक स्टेरॉयड (एएएस) का सेवन कर रहे हैं। एएएस, टेस्टोस्टेरोन का ङ्क्षसथेटिक रूप है। इसे पुरुषों का सेक्स हार्मोन माना जाता है। लगातार एएएस वाले पाउडर का सेवन करना शरीर पर नकारात्मक असर डालता है। कई लोग जिम ट्रेनर और साथियों के बहकावे में आकर इसका सेवन करते हैं। इसके कारण उन्हें भविष्य में कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
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मध्य एशिया का दूसरा सबसे बड़ा पशु अस्पताल, छत्तीसगढ़ में होगा यहां ब्लड टेस्ट, एक्स-रे, सोनोग्राफी एम्स और आंबेडकर अस्पताल में इस तरह की शिकायत लेकर पहुंचने वाले युवाओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है। कोई किडनी की समस्या लेकर पहुंच रहा है तो किसी का दिल भरी जवानी में कमजोर हो गया है। कुछ मामलों में तो हड्डियां गलने की शिकायत भी मिल रही है। डॉक्टरों का कहना है कि अमानक एस्टेरॉइड और सप्लीमेंट के इस्तेमाल से युवाओं को बीमारियां घेर रहीं हैं। इससे किडनी और दूसरे ऑर्गन भी डैमेज हो रहे हैं।
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चातुर्मास प्रवचन: संत प्रवीण ऋषि ने कहा- सपना टूटने से पहले सिद्ध करें, तभी जीवन साकार हो पाएगा कुछ युवा एक्सपर्ट की सलाह लिए बिना जिम में वसेट गेनर का इस्तेमाल करते हैं। यह बॉडी का वॉटर लेवल बढ़ाता है। इससे डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। इससे हड्डियां भी कमजोर होती हैं। बॉडी में प्रोटीन डेफिशियेंसी है तो डॉक्टर या न्यूट्रिशियलिस्ट की सलाह पर ही ऐसे प्रोडक्ट का इस्तेमाल करें।
– डॉ. आरएल खरे, मेडिसिन विशेषज्ञ, डॉ. भीमराव आंबेडकर अस्पताल
जो लोग दिन में 3-4 घंटे हार्ड वर्कआउट करते हैं या एथलीट और बॉडी बिल्डर बनने की तैयारी करते हैं, उन्हें ही मसल्स रिकवरी में प्रोटीन सप्लीमेंट की जरूरत पड़ती है। जो सिर्फ फिट रहने के लिए वर्कआउट करते हैं, उन्हें सप्लीमेंट की जरूरत नहीं है। वे हैल्दी खाना खाकर प्रोटीन की जरूरत पूरी कर सकते हैं।
– गौरव सिंह, सीनियर डायटीशियन