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जंगल सफारी की ये है खासियत बाघ, शेर, तेंदुआ व बायसन (गौर) सहित जंगल सफारी में तितली उद्यान हैं। बाड़े के सामने कर्मचारी तैनात रहेंगे, जो लोगों को वन्यप्राणियों के बारे में बताने के साथ-साथ पर्यटकों पर नजर रखेंगे, ताकि पर्यटकों द्वारा वन्यप्राणियों से छेड़छाड़ ना कर सकें। जंगल सफारी में सफारी व जू के लिए प्रति व्यक्ति 150 रुपए, सिर्फ सफारी के लिए 100 रुपए व जू के लिए 50 रुपए तय है। स्कूल के छात्रों के लिए 25 रुपए जू व सफारी के लिए 25 रुपए निर्धारित है। स्कूली बच्चों को प्राचार्य से एक आवेदन लेकर आने के बाद ही विशेष छूट दी जाती है।
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31 दिसंबर 2016 में नौका विहार का हुआ था शुभारंभ तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने जंगल सफारी में 31 दिसंबर 2016 में नौका विहार सुविधा का शुभारंभ किया था। 180 एकड़ में फैले खंडवा जलाशय में पर्यटकों के लिए यह सुविधा शुरू की गई है। जब से बोट खराब हुई है, तब से लोग जू और सफारी का आनंद उठाते हैं, लेकिन नौका विहार के पास पहुंचते हैं, तो बंद की तख्ती देखकर वापस लौट जाते हैं। इससे नए साल का जश्न से लेकर अभी तक जंगल सफारी घूमने वाले पर्यटकों के जश्न में खलल पड़ रही है। साथ ही सफारी की आमदनी पर भी इसका असर देखने को मिल रह है।