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रायपुर

हाथ लगी नान घोटाले में गिरफ्तार भट्ट की लाल डायरी के अनदेखे पन्ने, सीएम के नाम पर कई एंट्रीज

नान में 36000 करोड़ रुपए के घोटाले में गिरफ्तार अधिकारी शिवशंकर भट्ट की डायरी के अबतक छिपाकर रखे गए पन्नों में सीएम सर का नाम लिखा है

रायपुरJan 06, 2019 / 12:53 pm

Deepak Sahu

Naan ghotala

हाथ लगी नान घोटाले में गिरफ्तार भट्ट की लाल डायरी के अनदेखे पन्ने, सीएम के नाम पर कई एंट्रीज

आवेश तिवारी@रायपुर. राज्य आपूर्ति निगम (नान) में 36000 करोड़ रुपए के घोटाले में गिरफ्तार अधिकारी शिवशंकर भट्ट की डायरी के अबतक छिपाकर रखे गए पन्नों में सीएम सर का नाम लिखा है। ‘पत्रिका’ के हाथ डायरी के कुछ पन्ने हाथ लगे हैं। अब तक एसीबी (एंटी करप्शन ब्यूरो) सेल्फ में छिपाकर रखे गए इन पन्नों पर सीएम सर और डॉ. साहब के नाम से कई एंट्री की गई हैं।
बता दें कि एसीबी ने महज चार दिन पहले इस गंभीर मामले में न्यायालय को इन पन्नों को अनुपयोगी बताया था। गौरतलब है कि जेल की हवा खा रहे नान के अधिकारी शिवशंकर भट्ट की डायरी में 113 पन्ने बरामद हुए थे, जिनमें से कुछ कंप्यूटरशीट और कुछ हस्तलिखित सामग्री थी। इनमें से मात्र 6 पन्ने को ही अभियोजन दस्तावेज के रूप में प्रस्तुत किया गया। बाकी के 107 पन्नों की जांच न करके उन्हें कार्यालय में रखा गया है। डायरी के इन अनदेखे पन्नों में पद्मा मैडम, रेड्डी सर और यादव सर के नाम से भी एंट्रीज हैं।
मुकेश गुप्ता की जांच के खिलाफ न्यायालय गई एसीबी : भूपेश सरकार को जैसे ही जानकारी मिली कि एसीबी के अधिकारी ने न्यायालय में डायरी के पन्नों को बेकाम बताया है, सरकार तुरंत हरकत में आ गई। एसीबी को महज तीन दिनों बाद दोबारा न्यायालय में जाकर देवस्थले के हलफनामे को गलत ठहराना पड़ा।
4 दिसम्बर को एसीबी के उपपुलिस अधीक्षक विश्वास चंद्राकर द्वारा न्यायालय को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि देवस्थले द्वारा भट्ट और बारीक के कब्जे से जब्त हुए पन्ने को आरोपों से सुसंगत नहीं बताया गया है, जबकि इस प्रकरण में राज्य शासन द्वारा विशेष अनुसंधान टीम बनाकर इस प्रकरण की विवेचना की जानी है। चंद्राकर ने न्यायालय को लिखा है कि मात्र अभियोग-पत्र पेश कर देने से अनुसंधान में विराम नहीं लगता है।
बता दें कि चुनाव परिणाम घोषित होने से महज एक सप्ताह पहले ही एडीजी मुकेश गुप्ता के कार्यकाल में एसीबी ने न्यायालय में अभियोग-पत्र दाखिल किया था। एसीबी ने न्यायालय को यह भी कहा है कि निरीक्षक देवस्थले द्वारा दिया गया जवाब मानने योग्य नहीं है।
क्या है नान घोटाला? : आरोप है कि छत्तीसगढ़ में राइस मिलरों से लाखों क्विंटल घटिया चावल लिया गया और इसके बदले करोड़ों रुपए की रिश्वतखोरी की गई। इसी तरह नागरिक आपूर्ति निगम (नान) के ट्रांसपोर्टेशन में भी भारी घोटाला किया गया। इस मामले में 27 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। जिनमें से 16 के खिलाफ 15 जून 2015 को अभियोग पत्र पेश किया गया था। जबकि मामले में दो वरिष्ठ आइएएस अधिकारी डॉ. आलोक शुक्ला और अनिल टूटेजा के खिलाफ कार्रवाई की अनुमति के लिये केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखी गई।

अहम सवाल… डायरी के पन्नों में कौन हैं सीएम सर
भट्ट की डायरी के पेज नंबर 39 में, जो कि हाथ से लिखा गया है, कुल 353.85 खर्च का विवरण है। यह खर्च लाख में है या करोड़ में है, इसका कोई जिक्र नहीं है। लेकिन इस पन्ने पर की गई एक एंट्री जो कि डॉ. साहब के नाम से है में 4.00 का जिक्र है। दो एंट्रीज जिनमें किसी का भी नाम नहीं है वो 110.00-110.00 की हैं। इसी पन्ने पर नवंबर से लेकर मार्च तक कुल 369.89 खर्च का विवरण है। इस पेज से पता चलता है कि भट्ट द्वारा एसपी फंड नाम से बनाए गए एक खाते में भी योगदान किया जाता था। डायरी के एक पन्ने पर सीएम सर के नाम से पांच एंट्रीज हैं। जिन्हें कुल 31.00 की राशि दी गई है। यह एंट्रीज 15 फरवरी से लेकर 5 मार्च 2013 के बीच की है। इसके पहले जो पन्ने सामने आए थे, उसमें सीएम मैडम के नाम से एंट्रीज थी।

एसीबी में हडक़ंप
सत्ता परिवर्तन के बाद एसीबी में ऐसा हडक़ंप मचा कि बिना अफसरों को जानकारी दिए एसीबी के निरीक्षक एसडी देवस्थले इसी 1 जनवरी को लाल डायरी के पन्नों को लेकर सफाई दे आए। एसीबी से निलंबित निरीक्षक देवस्थले ने लिखित में कहा, भट्ट से प्राप्त 113 पन्नों व कृतिकांत बारीक से जब्त 127 पन्नों में लेन-देन के ब्योरे मात्र ही लिखे गए थे।

देवस्थले ने आगे लिखा कि इन लेन-देन के ब्योरे को प्रमाणित करते हुए पुष्टिकारक साक्ष्य प्राप्त नहीं हुए इसलिए इन पन्नों को अभियोग-पत्र के साथ संलग्न नहीं किया है। इस पत्र, जो कि ‘पत्रिका’ के पास मौजूद है, को लिखे जाने के दो दिनों बाद बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया।
गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने बताया कि डायरी में जो नए नाम सामने आये हैं, उनकी जांच की जाएगी। इसीलिए एसआइटी का गठन किया जा रहा है।

छत्तीसगढ़ के डीजीपी डी.एम. अवस्थी ने बताया कि यह सच है कि एसआइटी गठन का आदेश होने के बाद देवस्थले उच्चाधिकारियों को बिना जानकारी दिए न्यायालय गए और शेष पन्नों को अनुपयोगी बताया। नान घोटाले में एसआइटी का गठन जल्द होने जा रहा है, जो इस पूरे मामले की जांच करेगी। इस जांच में डायरी के सभी पन्नों की जांच भी शामिल है।

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