उसी धारा में वो गिरफ्तार भी हुई थी। इस समय जमानत पर बाहर है। वो हमेशा से गोडसे के पक्ष में बात करती रही है। अब भाजपा को और ख़ास कर प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को स्पष्ट करना चाहिए कि वो किसके साथ है।
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एक तरफ वो गाँधी जी की 150 वि जयंती मना रहे हैं और दूसरी तरफ उनके सांसद गोडसे की तारीफ़ में बात कर रहे हैं। वो भी लोकसभा में। भाजपा और उनके नेताओं को स्पष्ट करना होगा कि वो गाँधी के साथ है या गोडसे के साथ। मुँह में गाँधी और दिल में गोडसे नहीं चलेगा।
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अगर वो गांधी जी को सच में मानते हैं। तो प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए। गांधी के देश में गोडसे महिमा मंडित नहीं हो सकता। साथ ही उन्होंने ट्वीट कर के भी कहा कि शुतुरमुर्ग बनने से काम नहीं चलेगा। नरेंद्र मोदी जी और अमित शाह जी सामने आकर प्रज्ञा ठाकुर के बयान पर देश के समक्ष अपना रूख स्पष्ट करें। वे देश के सामने कहें कि गांधी के हत्यारे गोडसे के प्रति उनके मन में क्या है।