रायपुर

डायबिटीज को कंट्रोल करने में ‘पनीर के फूल’ का आयुर्वेदिक उपयोग

आयुर्वेद में ‘पनीर के फूल’ को मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए अद्वितीय रूप से माना जाता है। इसमें पनीर डोडा, भारतीय रेनेट, विथानिया कोगुलांस शामिल हैं जो ब्लड शुगर को संतुलित रखने में मदद कर सकते हैं।

रायपुरNov 18, 2023 / 01:39 am

bhemendra yadav

पनीर के फूल

डायबिटीज, जो एक लाइफस्टाइल रोग है, को कंट्रोल करने के लिए दवाओं के साथ-साथ हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना अत्यंत महत्वपूर्ण है। आयुर्वेद में ‘पनीर के फूल’ को मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए अद्वितीय रूप से माना जाता है। इसमें पनीर डोडा, भारतीय रेनेट, विथानिया कोगुलांस शामिल हैं जो ब्लड शुगर को संतुलित रखने में मदद कर सकते हैं। इसे नियमित रूप से सेवन करके डायबिटीज को कंट्रोल में सहायक बनाएं।

पैन्क्रियाज की सेल्स को सही करने में ‘पनीर के फूल’ की शक्ति
‘पनीर के फूल’ एक जड़ी-बूटी है जो पैन्क्रियाज की बीटा सेल्स को सही करने में मदद कर सकती है। शरीर में, बीटा सेल्स इंसुलिन बनाती हैं, लेकिन डायबिटीज के कारण ये सेल्स डैमेज हो जाती हैं और इंसुलिन नहीं बना पाती हैं। पनीर के फूलों का नियमित सेवन करने से पैन्क्रियाज इंसुलिन को सही तरीके से उपयोग करने में मदद होती है। रोजाना पनीर के फूल और उसका पानी पीने से डायबिटीज को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है।

सिरा बनाएं: 6-7 पनीर के फूलों को एक गिलास पानी में डालें और उन्हें भिगो दें।
इन्हें रात भर या 2-3 घंटे के लिए पानी में भिगो सकते हैं।

उबालें और छानें: पानी समेत पनीर के फूलों को उबालें, जिससे सभी तत्व पानी में चले जाएं। पानी को छान लें और पनीर के फूल के पानी को हल्का गुनगुना ही पी लें।
सुबह खाली पेट पीने का सुझाव: खाली पेट इसे पीने से ब्लड शुगर को जल्दी कंट्रोल करने में मदद हो सकती है।

पाउडर का उपयोग: चाहे तो मार्केट में उपलब्ध पनीर के फूल का पाउडर भी उपयोग कर सकते हैं।

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