उन्होंने कहा है कि चुनाव से नाम वापस लेने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, तत्कालीन लोक निर्माण मंत्री राजेश मूणत, पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी और उनके पुत्र अमित जोगी ने कहा था। इस काम के लिए उसे पैसे, लालबत्ती का लालच देने का आरोप लगाया है।
रमन सिंह ने बताया राजनितिक साजिश
पूर्व विधायक मंतूराम पवार के इस खुलासे के बाद रमन सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि इस पूरे प्रकरण में मेरा कोई लेना-देना नहीं है। वर्ष 2014 के बाद पहली बार इस घटना में राजनीतिक षडय़ंत्र के तहत मेरे नाम को उछाला गया है।
दंतेवाड़ा उप चुनाव नजदीक है, इस कारण कांग्रेस की सोची समझी रणनीति के तहत मंतूराम पवार पर दबाव बनाकर यह बयान दिलवाया गया है। बयान को पढऩे से यह स्पष्ट प्रतीत होता है कि यह बयान मंतूराम पवार द्वारा स्वेच्छावश नहीं दिया गया है, बल्कि राजनीतिक दबाववश यह बयान दिलवाया गया है।
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इससे पहले भी मंतूराम पवार ने विभिन्न न्यायालयों में शपथ पत्र पर बयान दिया है कि उन्होंने स्वेच्छा से अपना नामांकन वापस लिया था और इस प्रकरण में पैसों का किसी तरह से कोई लेनदेन नहीं हुआ था। इस पूरे घटनाक्रम से यह प्रतीत होता है कि पूर्ण रूप से यह कांग्रेस की बदलापुर की राजनीति है। इस संबंध में मैं न्यायालय में अपना पक्ष रखूंगा और मुझे उम्मीद है कि मुझे न्याय मिलेगा।
पूर्व विधायक मंतूराम ने प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्टे्रट के सामने किया खुलासा
अंतागढ़ टेपकांड में आरोपी पूर्व विधायक मंतूराम पवार ने उपचुनाव को प्रभावित करने के लिए 7 करोड़ रुपए के लेनदेन का खुलासा किया है। पवार ने शनिवार को प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्टे्रट नीरज श्रीवास्तव की अदालत में कलमबंद बयान दर्ज कराया।
इस बयान में उन्होंने 2014 में हुए अंतागढ़ उपचुनाव से नाम वापस लेने के पीछे की पूरी कहानी बताई है। पवार का दावा है कि चुनाव से नाम वापस लेने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, तत्कालीन लोक निर्माण मंत्री राजेश मूणत, पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी और उनके पुत्र अमित जोगी ने कहा था।
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इस काम के लिए उसे पैसे, लालबत्ती का लालच दिया गया था। जान से मारने की धमकी भी दी गई थी। इस सौदे में फिरोज सिद्दीकी और अमीन मेनन की भूमिका बिचौलियों की थी। मंतूराम पवार ने कहा है कि इन नेताओं ने घेरकर उनका पूरा जीवन बर्बाद कर दिया।
बढ़ सकती है डॉ. रमन सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी, पूर्व मंत्री राजेश मूणत और अमित जोगी की मुश्किलें
इस बयान के बाद पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी, पूर्व मंत्री राजेश मूणत और अमित जोगी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इन चारों के खिलाफ पंडरी थाने में एफआईआर दर्ज है। मामले की जांच के लिए एसआईटी बनी है।
बता दें कि 2014 में हुए अंतागढ़ विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस की ओर से मंतूराम पवार प्रत्याशी थे। नाम वापसी के अंतिम दिन मंतूराम ने अपना नाम वापस ले लिया था। चार महीने बाद एक ऑडियो सीडी सामने आई, जिसमें कथित तौर पर अमित जोगी, अजित जोगी, डॉ पुनीत गुप्ता, मेनन और फिरोज सिद्दीकी की आवाज़ें थी। इसमें पहली बार उपचुनाव में नाम वापसी के लिए षडय़ंत्र का संकेत मिला था।
आवाज के नमूने के लिए जूझ रही है एसआईटी
इस मामले में एसआईटी आरोपियों के आवाज के नमूने के लिए जूझ रही है। कई बार नोटिस के बाद मंतूराम सहित किसी ने भी आवाज का नमूना नहीं सौंपा है। उसके बाद एसआईटी ने अदालत में आवेदन लगाया है। इसकी सुनवाई जारी है।
राजेश मूणत के बंगले से दिए गए थे सात करोड़
मंतूराम ने अपने बयान में बताया कि 28 अगस्त 2014 को उनके नंबर पर अमीन मेनन का फोन आया। तत्काल मिलने को कहा। शाम पांच बजे माकड़ी ढाबा के पास मेनन और फिरोज सिद्दीकी उससे मिले। मुझसे कहा, रमन सिंह, अजीत जोगी और अमित जोगी मिलकर काम कर रहे हैं।
अजीत जोगी से बात कर लें 7 करोड़ रुपए में बात हो चुकी है। उन लोगों ने वहीं से रमन सिंह से बात कराई। उन्होंने कहा, वे लोग जो कह रहे हैं, तुमको करना है मैं तुमको आशीर्वाद दूंगा। फिरोज और अमीन ने कहा, बात नहीं मानोगे तो रमन सिंह तुम्हारे खानदान को नहीं छोड़ेंगे।
झीरमघाटी की तरह पूरे परिवार को मसल कर फेक दिया जाएगा। 29 अगस्त को ही 2.30 बजे अमीन और उसके साथी मुझे कलेक्टर ऑफिस ले गए। वहां नामांकन वापस लिया गया। उसके बाद अमीन ने अपने घर में तीन दिन तक उन्हें बंद रखा। 2 सितम्बर को वह अपनी गाड़ी से मुझे केशकाल से रायपुर ले आए और सीधे प्रेस के सामने बिठा दिया।
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उसके बाद फिर उन्हें नजरबंद कर दिया। पांच-छह दिनों की नजरबंदी में वे लोग फोन से अजीत जोगी से बात कर 7 करोड़ रुपए लेने की बात करते थे। उनसे बात होने के बाद वे लोग उन्हें राजेश मूणत के घर ले गए। राजेश मूणत ने अपने घर से 7 करोड़ रुपए निकालकर फिरोज और अमीन को दिए।
हालांकि उस रकम में से उसने एक रुपया भी नहीं लिया। अजीत जोगी ने कहा था, अगर उसने उनकी बात नहीं मानने की भूल कर दी तो मृत्यु के अलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा। बात मान लोगे तो रमन सिंह तुम्हारा भविष्य बना देंगे। उनसे बोलकर लालबत्ती गाड़ी भी दिला दूंगा।
कांकेर एसपी ने भी दी थी धमकी
न्यायालय में दिए शपथपत्र में मंतूराम पवार ने कांकेर के तत्कालीन एसपी पर उसे धमकी देने का आरोप लगाया है। बयान के मुताबिक 29 अगस्त 2014 को उनके पास एसपी का फोन आया। कहा, जो कहा जा रहा है वह करो नहीं तो तुम्हें झीरम घाटी जैसा परिणाम भुगतना होगा। एसपी ने कहा, तुम्हारे पास अन्य कोई रास्ता नहीं बचा है।
पुलिस से मांगी परिवार की सुरक्षा
मंतूराम पवार ने डीजीपी डीएम अवस्थी को एक पत्र लिखकर सुरक्षा की मांग की है। पवार ने लिखा है कि उन्होंने अंतागढ़ टेपकांड में अपना बयान दर्ज कराया है। मेरे दुश्मन प्रदेश के सभी बड़े राजनीतिक लोग हैं, जिनसे मुझे जान का तत्काल खतरा हो गया है। ऐसे में मेरे पेट्रोल पंप बांदे और मेरे निवास पखांजूर में सुरक्षा उपलब्ध कराएं