ऐसे कार्यों को देखते हुए ही मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने साफ किया है कि जो निर्माण पूरे हो गए हैं, उनके लोकार्पण में देरी न की जाए। मुख्य सचिव के इस संकेत से विभाग अपने-अपने क्षेत्रों में तैयारियां करने लगे हैं। क्योंकि लोकार्पण और उद्घाटन जैसे कार्यक्रम ज्यादातर अक्टूबर के पहले सप्ताह तक ही होने हैं। इसके बाद विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लग सकती है। 2018 में 6 अक्टूबर को लगी थी। ऐसे में सभी विभागों के अधिकारियों को जो काम अधूरे हैं, उन्हें तेजी से पूरा कराने और जिनका निर्माण हो चुका है, उसके लोकार्पण की तैयारियां करने कहा गया है।
नया राजभवन अधूरा 2018 में नवा रायपुर में काम शुरू
500 करोड़ का टेंडर फाइनल हुआ
2021 तक पूरा करने का प्लान था
50% से ज्यादा अभी हो पाया है निर्माण
फिर रायपुर में वीवीआईपी मूवमेंट होगा कम नवा रायपुर में मुख्यमंत्री, मंत्रियों और बड़ों अफसरों के शिफ्ट हो जाने पर शहर में वीवीआईपी मूवमेंट कम हो जाएगा। अभी पूरा काफिला नवा रायपुर तक (Raipur News) आना-जाना करता है। इसलिए शंकरनगर, देवेंद्रनगर, सिविल लाइन जैसे क्षेत्रों में ट्रैफिक रोक दिया जाता है। लेकिन, शिफ्टिंग के बाद रायपुर शहर की सड़कों पर ट्रैफिक मूवमेंट कम होगा।
24 महीने का प्रोजेक्ट 5 साल में हो रहा पूरा नवा रायपुर में बसाहट तेजी से बढ़ाने के लिए रमन सरकार के समय करोड़ों रुपए के कई प्रोजेक्ट शुरू किए गए थे, जिन्हें दो से ढाई साल में पूरा करने की शर्तें टेंडर में थी, परंतु वे काम अभी तक चल रहे हैं। इस मामले में लोक निर्माण विभाग सबसे पीछे है। क्योंकि ऐसा कोई निर्माण नहीं जो समय-सीमा में इन पांच सालों के दौरान कराया गया हो।
कोरोनाकाल बड़ा फैक्टर नवा रायपुर में मुख्यमंत्री, मंत्रियों और अफसरों के बंगलों का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। इसलिए लोकार्पण की तारीख तय करने में कोई दिक्कत नहीं है। ये सभी निर्माण कार्य पहले ही पूरे हो जाने थे, परंतु कोरोनाकाल बड़ा फैक्टर था। – ज्ञानेश्वर कश्यप, मुख्य अभियंता, पीडब्ल्यूडी