Monsoon Session: मानसून सत्र के पहले ही दिन कांग्रेस के 30 विधायक निलंबित, गर्भगृह में प्रवेश कर की नारेबाजी… मचाया हंगामा
Chhattisgarh Monsoon Session: विपक्ष ने स्थगन प्रस्ताव के जरिए बलौदाबाजार हिंसा पर चर्चा की मांग की। इधर, सत्ता पक्ष के विधायकों का कहना था कि इस मामले में न्यायिक जांच चल रही है, इसलिए इस पर चर्चा नहीं हो सकती।
CG Monsoon Session: विधानसभा मानसून सत्र के पहले दिन सोमवार को बलौदाबाजार हिंसा मामले को लेकर जमकर हंगामा हुआ। शून्यकाल में उठा यह मुद्दा सदन की कार्यवाही स्थगित होने तक गूंजता रहा। इस दौरान सत्ता और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई। विपक्ष ने स्थगन प्रस्ताव के जरिए बलौदाबाजार हिंसा पर चर्चा की मांग की। इधर, सत्ता पक्ष के विधायकों का कहना था कि इस मामले में न्यायिक जांच चल रही है, इसलिए इस पर चर्चा नहीं हो सकती। विपक्ष की बात सुनने के बाद विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया, तो विपक्ष नारेबाजी करने लगा।
इसके बाद सदन की कार्यवाही दोपहर 3 बजे तक के लिए स्थगित हुई। सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर विपक्ष स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा करने की मांग करते हुए गर्भगृह में प्रवेश कर नारेबाजी करने लगे। इससे विपक्ष के विधायक स्वमेव निलंबित हो गए। विपक्ष नारेबाजी और हंगामा के बीच ही विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही आगे बढ़ा दी। ध्यानकर्षण के बाद वित्तमंत्री ओपी चौधरी ने पहला अनुपूरक बजट सदन के पटल पर रखा। इसके बाद सदन की कार्यवाही मंगलवार को सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
बलौदाबाजार हिंसा साय सरकार के दिल पर काला धब्बा : बघेल
शून्यकाल में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, देश और दुनिया के इतिहास में छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार में हिंसा में कलेक्टर और एसपी आफिस पर हुई आगजनी साय सरकार के दिल पर काला धब्बा है। इंटेलीजेंस और प्रशासन तंत्र की नाकामी से यह घटना हुई। अब कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर दुर्भावनावश कार्रवाई की जा रही है। नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने शायरना अंदाज में सरकार पर तंज कसा। इसके बाद उन्होंने कहा, छत्तीसगढ़ की आस्था के प्रतीक को तोड़ने का काम किया है। प्रदेश की समरसता और भाईचारा को खत्म करने का षड्यंत्र हुआ है।
विपक्ष का कहना गलत, अमरगुफा घटना पर कार्रवाई : गृहमंत्री शर्मा
गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा, यह कहना गलत कि अमरगुफा घटना पर कार्रवाई नहीं हुई। यह भी कहना गलत कि ज्ञापन लेने अधिकारी मौजूद नहीं थे। 40 पुलिस कर्मचारी घायल हुए, 14 केस दर्ज हुए हैं। प्रशासन को कोई तंत्र फेल नहीं हुआ है। बलौदाबाजार में हिंसा धरने में शामिल कुछ उपद्रवियों की वजह से हुई है।
स्कूलों में विषय विशेषज्ञ शिक्षकों की होगी तैनाती
विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन प्रश्नकाल में प्रदेश के स्कूलों में शिक्षकों की कमी को लेकर भाजपा विधायक मोतीलाल साहू ने प्रश्न किया। इस पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जवाब दिया। उन्होंने कहा, प्रदेश में शिक्षकों और विद्यार्थियों का अनुपात राष्ट्रीय अनुपात से बेहतर है। देश में 26 विद्यार्थियों के पीछे एक शिक्षक है, जबकि प्रदेश में 21 विद्यार्थियों के पीछे एक शिक्षक है।
शिक्षकों की पदस्थापना में अब तक कुछ अव्यवस्थाएं थीं। इसके कारण शिक्षकों की कमी परिलक्षित हो रही थी। इन कारणों से सर्वप्रथम युक्तियुक्तकरण करना पहली प्राथमिकता होगी। कुछ स्कूलों में जहां विषय संकाय है, वहां शिक्षक नहीं है, जहां विषय संकाय नहीं है वहां शिक्षक हैं। कुछ स्थानों पर राज्य के अनुपात से भी बहुत कम विद्यार्थियों पर शिक्षक है। कुछ स्थानों पर तो 4-5 विद्यार्थी पर एक शिक्षक है।
युक्तियुक्तकरण से स्कूलों को मिलेंगे शिक्षक
युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया के लिए ऐसे स्कूलों का चिन्हांकन किया जा रहा है और शीघ्र ही सभी स्कूलों में शिक्षकों की पदस्थापना कर दी जाएगी। इससे सभी स्कूलों में शिक्षक उपलब्ध हो जाएंगे और शिक्षा का स्तर और भी अच्छा हो जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा, शिक्षकों की व्यवस्था के साथ ही अधोसंरचना विकास पर भी हम काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 300 स्कूल शिक्षकविहीन है, जबकि पांच हजार स्कूलों में सिर्फ एक ही शिक्षक है। इसके अलावा करीब 7 हजार 5 सौ स्कूलों में सरप्लस शिक्षक हैं।
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