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इसके बाद महिला ने देखा तो वह उसका पति था। फिर तत्काल एंबुलेंस से डॉ. संजीव श्रीवास्तव को इलाज के लिए मेट्रो अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना की सूचना पर पुलिस मेट्रो अस्पताल पहुंची और पंचनामा कार्रवाई कर मर्ग कायम करते हुए शव को पीएम के लिए जिला अस्पताल भिजवाया गया।नाबालिग से युवक ने की छेड़छाड़ और शिकायत करने पर देने लगा तेजाब फेंकने की धमकी, फिर …
मामले में स्वीमिंग कोच ने दी यह दलीलरिपोर्टकर्ता मोहनलाल जांगड़े पिता दुखुराम जांगड़े (32) निवासी पंडरीपाली हाल मुकाम रायगढ़ स्टेडियम स्वीमिंग पुल परिसर ने अपने रिपोर्ट में पुलिस को बताया कि डॉ. संजीव श्रीवास्तव प्रतिदिन स्वीमिंग पुल में नहाने आते थे। रविवार की सुबह भी साढ़े आठ बजे वे नहाने गए थे। सुबह करीब 10 बजे वहां की घंटी बजने के बाद भी वे पानी से बाहर नहीं निकले, नहाते रहे। तभी मोहनलाल ने देखा कि पानी में कोई तैर रहा है। इसके बाद वह पुल के पास जाकर अपने कर्मचारियों की मदद से तैर रहे व्यक्ति को बाहर निकाला तो वे डॉ. संजीव श्रीवास्तव थे, जोकि बेहोशी की हालत में थे। इसके बाद तत्काल मोहनलाल ने एंबुलेंस के माध्यम से डॉक्टर को मेट्रो अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों द्वारा उसे मृत घोषित करने पर इसकी सूचना पुलिस को दी।
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जरूरतमंदों को मिले लाभ इसलिए छोड़ा नौकरीमेट्रो अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर के करीबियों ने बताया कि वे पटना के रहने वाले थे। वहीं कलकत्ता में डॉक्टरी की पढ़ाई किए थे। उनका दिल्ली के एक बड़े अस्पताल में नौकरी भी लग गया था। जबकि डॉक्टर के परिवार वाले दिल्ली में ही रहते हैं, लेकिन उन्होंने यह कह कर नौकरी को ठुकरा दिया कि दिल्ली जैसे महानगर में बहुत से न्यूरो सर्जन हैं, मैं ऐसी जगह जाकर सेवा दूंगा जहां न्यूरो सर्जन की कमी है और लोगों को जर सूरत है। इसके बाद करीब चार माह पूर्व वे रायगढ़ मेट्रो अस्पताल में ड्यूटी ज्वाइन किए थे।
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सालों से नहीं चल पा रहे मरीज को किया ठीकमिली जानकारी के अनुसार रायगढ़ का एक 57 साल का व्यक्ति अपने रीढ़ के हड्डी की बीमारी से परेशान था। करीब 20 साल से वह चल नहीं पा रहा था और छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों में अपना इलाज करा चुका था, लेकिन उसे कुछ फायदा नहीं मिला। इसके बाद उसने डॉ. संजीव श्रीवास्तव से अपना इलाज कराया तो ऑपरेशन के एक सप्ताह बाद ही वह स्वस्थ्य हो गया। बकायदा संजीव श्रीवास्तव उसे चलाकर अपने चेंबर तक लेकर गए और चाय पिलाया। इसी प्रकार डॉ. संजीव श्रीवास्तव ने चार माह में करीब 40 मरीजों को स्वस्थ्य किया है।
डॉक्टर के एक करीबी ने बताया कि वे तैराकी के काफी शौकीन थे और बड़े ही अच्छे तैराक भी थे, लेकिन अचानक वे स्वीमिंग में पुल में डूब गए यह बात किसी को हजम नहीं हो पा रहा है। डॉक्टर के करीबियों का मानना है कि मौत की वजह कुछ और हो सकती है, जिसकी जांच पुलिस कर रही है। पुलिस का कहना है कि पंचनामा में लोगों के बयान से यह पता चल रहा है कि डॉक्टर की मौत पानी में डूबने से हुई है। लेकिन पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सही कारणों का खुलासा हो सकेगा। हांलाकि पुलिस इस मामले में जांच करने में जुट गई है।
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