Winter 2024: कहीं-कहीं हल्की बूंदाबांदी
इसके बाद एक-दो दिन मौसम थोड़ा साफ हुआ था, लेकिन अब फिर से मंगलवार रात से जिले में नमी का आगमन शुरू हो गया है। इस संबंध में मौसम विभाग के अनुसार एक पश्चिमी विक्षोभ हरियाणा और उससे लगे क्षेत्र में 3.1 किलोमीटर ऊंचाई पर स्थित है। इससे प्रदेश में हवा की दिशा में परिवर्तन हो गया है। साथ ही बंगाल की खाड़ी से प्रचुर मात्रा में नमी भी आने लगी है।
इससे मंगलवार रात से आसमान पर बादल छाए रहे। वहीं मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार 26 दिसंबर को जिले के एक दो स्थानों पर बहुत हल्की वर्षा अथवा
गरज-चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। हालांकि बुधवार शाम को भी जिले के कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में बुंदाबांदी हुई। साथ ही गुरुवार को भी हल्की बूंदाबांदी हो सकती है, लेकिन न्यूनतम तापमान में कोई विशेष बदलाव होने की संभावना नहीं है।
साथ ही प्रदेश में एक नया पश्चिमी विक्षोभ के कारण 27, 28 और 29 दिसंबर को भी हल्की बूंदाबांदी की संभावना बनी हुई है। ऐसे में अगर नमी का आगमन बंद होता है और उत्तर-पश्चिमी हवा शुरू होता है तो अधिकतम व न्यूनतम तापमान में गिरावट आ सकती है।
सर्द-गर्म के चपेट में आ रहे लोग
दिसंबर के शुरूआत से लगातार मौसम में बदलाव हो रहा है। इसका असर लोगों के सेहत पर पड़ रहा है। इन दिनों अस्पतालों में सबसे ज्यादा मरीज सर्दी-खांसी व बुखार के आ रहे हैं। वहीं डाक्टरों का कहना है कि मौसम में लगातार बदलाव हो रहा है। इससे सेहत को लेकर काफी सतकर्ता बरतने की जरूरत है। साथ ही इस बार दोरस मौसम होने के कारण लगातार हवा में वायरल फैल रहा है। इसके चलते सर्दी-खांसी हो रही है। अगर गर्म पानी के साथ गर्म भोजन का ही उपयोग करें तो सेहत के लिए अच्छा होगा। साथ ही अभी दो माह तक फ्रीज में रखे गए खाद्य पदार्थों का सेवन काफी नुकसानदायक है।
विगत माहभर से लगातार धूप-बादल होने के चलते जहां लोगों के सेहत पर असर पड़ रहा है तो वहीं बागवानी फसल पर भी इसका दुष्प्रभाव पड़ रहा है। ऐसे में अब तीन-चार दिन
मौसम साफ होने के बाद फिर से जिले में नमी का आगमन शुरू हो गया है। इससे बुधवार की सुबह से ही आसमान में बादलों का डेरा लगा हुआ था। कुछ जगहों पर हल्की बूंदाबांदी भी हुई।
फसलों में लग रहे कीडे़
किसानों का कहना है कि लगभग माहभर में
मौसम साफ कम हुआ है और बादल ज्यादा रहा है। इससे अब बागवानी फसलों पर लाख व कीडे़ का प्रकोप होना शुरू हो गया है। ऐसे में अगर मौसम पूरी तरह से साफ नहीं होता है तो बागवानी फसलों को काफी नुकसान होगा। हालांकि माहभर से लगातार बादल होने के कारण सब्जी फसलों में हमेशा दवा का छिड़काव करना पड़ रहा है। जिससे सब्जी फसल में लागत बढ़ने लगा है।