रायगढ़ विशेष न्यायाधीश विजय कुमार होता ने बिजली चोरी के मामले में गुरुवार को एक अहम फैसला सुनाया, जिसकी पैरवी शासकीय अधिवक्ता पंचानन गुप्ता ने की। मिली जानकारी के अनुसार यह घटना ९ अगस्त २०११ की है। जब घरघोड़ा बिजली विभाग की टीम औचक निरीक्षण में कुडेकेला पहुंची हुई थी। जहां लक्ष्मण सिंह ठाकुर पिता कुमार सिंह ठाकुर ३६ वर्ष द्वारा हुकिंग के जरिए चोरी कर बिजली का उपयोग कर रहा था।
Video- शराब दुकान को लेकर भड़की महिलाएं, निकाली रैली, फिर डिप्टी कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए ये कहा… टीम ने जब उसे रंगे हाथ पकड़ा व बिजली बिल के बारे में जानकारी ली। तब इस बात का खुलासा हुआ कि लक्ष्मण पर बिजली बिल को पूर्व से करीब ६१ हजार रुपए बकाया है। जिसकी वजह से उसके घर में बिजली की सप्लाई को काट दी गई थी। उसके बाद चोरी की बिजली से आरोपी का घर रोशन हो रहा था। विभाग ने अपने निरीक्षण में यह भी पाया कि आरोपी द्वारा बिजली चोरी के मामले में एक लाख २ हजार रुपए १८६ रुपए का नुकसान पहुंचाया है। करीब ८ साल से चल रहे इस प्रकरण को ध्यान में रखते हुए सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आरोपी को बिजली चोरी मामले में दोषी पाया, जिसके बाद दोषी को ४ माह की कारावास की सजा सुनाई गई है।
बिजली चोरी के मामले में तेजी से हो रही सुनवाई
पिछले कुछ माह से बिजली चोरी मामले में कोर्ट के फैसलों पर नजर डालें तो उसमें तेजी आई है। प्रतिमाह आधा दर्जन से अधिक प्रकरण का निराकरण करने की पहल की गई है। जिसमें क्षतिपूर्ति राशि से तीन गुना अधिक जुर्माना के रुप में वसूला गया है, वहीं एक वर्ष सश्रम कारावास की फैसले भी सुनाए गए हैं। जिससे उक्त प्रकरण से जुड़े लोगों ने भी राहत की सांस ली है।