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रायगढ़

CG News: घर छत्तीसगढ़ में और खेत ओडिशा में, धान की जगह उगा रहे सब्जी

CG News: छत्तीसगढ़ को अलग करने के लिए यहां कोई नदी या नहर नहीं बल्कि गांव की ही एक पक्की सड़क है। इस पक्की सड़क के एक ओर रहने वाले लोग छत्तीसगढ़ के घोघरा पंचायत में आते हैं।

रायगढ़Jan 13, 2025 / 08:33 am

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CG News: छत्तीसगढ़ के बार्डर में रहने वाले घोघरा गांव की एक पक्की सड़क राज्य की सीमा रेखा है। सड़क के एक छोर पर रहने वाले छत्तीसगढ़ केे हैं तो दूसरे छोर पर रहने वाले ओडिशा के हैं। इसमें कुछ ऐसे परिवार हैं जिनका घर छत्तीसगढ़ में है लेकिन खेत ओडिशा में हैं। सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला के बरमकेला विकासखंड अंतर्गत घोघरा पंचायत है। इस पंचायत से जुड़े बेहराबहाल और सोनबला गांव है। घोघरा, बेहराबहाल और सोनबला तीनों गांव की आबादी करीब 1400 है। इसमें घोघरा गांव ओडिशा बार्डर पर बसा हुआ है।
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ओडिशा और छत्तीसगढ़ को अलग करने के लिए यहां कोई नदी या नहर नहीं बल्कि गांव की ही एक पक्की सड़क है। इस पक्की सड़क के एक ओर रहने वाले लोग छत्तीसगढ़ के घोघरा पंचायत में आते हैं। वहीं दूसरी ओर के लोग ओडिशा प्रांत में कंधपड़ा में आते हैं। हालांकि घोघरा गांव के लोग कंधपड़ा को एक मोहल्ला मानते हैं, लेकिन यह वास्तविक में ओडिशा प्रांत के बरगढ़ जिला अंतर्गत ग्राम पंचायत नारंगपुर का गांव है। कंधपड़ा में करीब 25 परिवार निवास करते हैै, जबकि घोघरा में 50 परिवार निवास कर रहे हैं। घोघरा में रहने वाले कई लोगों की खेत ओडिशा राज्य में भी है। इसमें निलांबर, सुशील, सुरेश, देव, अर्जुन, मुकुंद सहित अन्य हैं। यह किसान ओडिशा के खेत में सब्जी की फसल को प्राथमिकता देते हैं।

ओडिशा के सरकारी दस्तावेज, प्राइमरी शिक्षा छत्तीसगढ़ में

कंधपड़ा में रहने वाले लोगों के सरकारी दस्तावेज ओडिशा के हैं। आधार कार्ड और राशन कार्ड ओडिशा राज्य सरकार द्वारा बनाया गया है, जबकि गांव के सभी बच्चे अपनी प्रारंभिक शिक्षा छत्तीसगढ़ के घोघरा प्राइमरी स्कूल में पूरी करते हैं। ओडि़शा की सीमा में आने वाले गांव के हिस्से में या फिर आस-पास कोई भी सरकारी स्कूल नहीं है। इसकी वजह से यहां के ग्रामीणों को बच्चे को यहां पढ़ाना पड़ता हैं।

कुछ किसान ही करते हैं धान की खेती

सीमा पर बसे घोघरा गांव के किसानों की जमीन दोनों राज्यों में हैं। ये किसान धान की खेती को प्राथमिकता नहीं देते। इसके पीछे कारण यह बताया जा रहा है कि वहां की मिट्टी बलुवाई है, जो धान फसल के लिए उपयुक्त नहीं है। प्रति एक एकड़ के पीछे शासन जिनती मात्रा में धान खरीद निर्धारित की है उससे काफी कम मात्रा में धान की उपज होती है। ऐसे में ज्यादातर किसान धान की खेती न सब्जी भाजी उगाते हैं।

छत्तीसगढ़ में शामिल करने की मांग

ओडिशा के कंधपड़ा के लोग चिकित्सा सेवा के लिए छत्तीसगढ़ के अस्पतालों पर निर्भर हैं। ग्रामीण जितेंद्र साव बताते हैं कि कुछ साल पहले तक बिजली, पानी व अन्य सुविधा के लिए भी वे छत्तीसगढ़ पर ही आश्रित थे, लेकिन अब धीरे-धीरे ये बुनियादी सुविधाएं अब ओडिशा सरकार ने भी पहुंचाई है। कंधपड़ा के ग्रामीण लंबे समय तक छत्तीसगढ़ में शामिल किए जाने की मांग करते रहे हैं, लेकिन हर बार उनकी मांग नजर अंदाज की गई।
घोघरा सरपंच मनबोध चौहान ने कहा हमारे गांव के मुख्य सड़क के एक छोर पर ओडिशा है। दूसरे छोर पर छत्तीसगढ़ है। ओडिशा में रहने वाले बच्चे यहां के स्कूल में पढ़ाई करते हैं। हमे ऐसा नहीं लगता कि वे ओडिशा प्रांत के रहने वाले हैं।

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