जिला हाथियों के लिए सुरक्षित रहवास बनते जा रहा है, जिससे आए दिन कभी धरमजयगढ़ वन मंडल तो कभी रायगढ़ वन मंडल में इनकी धमक सुनने को मिलती है। ऐसे में इन हाथियों का दल भोजन की तलाश में रात होते ही रिहायशयी क्षेत्रों में प्रवेश करते हुए कभी ग्रामीणों के मकानों को नुकसान पहुंचा रहे हैं तो कभी उनके फसल को रौद रहे हैं। जिसको लेकर प्रभावित क्षेत्र में हर समय ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना रहता है। वहीं कई बार तो इनका ग्रामीणों का सामना हाथियों से होने से जान गंवाना पड़ रहा है।
ऐसे में इन दिनों एक हाथियों का दल रायगढ़ वनमंडल में भ्रमण कर रहा है। जिससे दल से एक हाथी बिछड़ गया है जो हर दिन आसपास के गांव में जाकर नुकसान पहुंचा रहा है। शनिवार की रात में उक्त दंतैल जुनवानी गांव में पहुंच गया था, जो उत्पात मचाते हुए ग्रामीण रामलाल पिता दिलधर कुजूर व पंचराम पिता घासीराम खलखो निवासी जुनवानी के मकान को तोड़ते हुए वहां रखे 80 किलो चावल को चट कर दिया। हालांकि इस दौरान हाथी आने की सूचना मिलते ही ग्रामीण मकान छोड़कर दूसरे के घर पहुंच गए थे, जिससे इनकी जान बच गई।
Elephant terror: 15 से अधिक हाथी कर रहे विचरण
इस संबंध में ग्रामीणों का कहना है कि दो दिन प
हले ही एक हाथी ने बंगुरसिया गांव में एक मकान को क्षतिग्रस्त कर घर के अंदर रखे करीब 3 बोरी चावल को चट कर दिया था। हाथी द्वारा एक के बाद एक मकानों को नुकसान पहुचाएं जाने से ग्रामीण दहशत के साये में रतजगा करने पर मजबूर होने लगे हैं। ऐसे में बताया जा रहा है कि रायगढ़ वन मंडल के जंगलों में करीब 15 से अधिक हाथी विचरण कर रहे हैं। जिससे हर हमेशा भय की स्थिति बनी रहती है।
फसल को पहुंचाया नुकसान
वन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक बीती रात बंगुरसिया गांव में एक हाथी ने दो मकानों को ढहाने के बाद गांव के ही किसान करूणा सागर, परदेशी साहू, विदेशी साहू, मंगलू साहू, ननकी साहू के फसल को भी नुकसान पहुंचाया है। बताया जा रहा है कि दल से बिछड़ने के कारण यह हाथी हर दिन रात होते ही आसपास के गांव में घुस जा रहा है। वहीं वन विभाग द्वारा फसल नुकसान का आंकलन करते हुए आगे की कार्रवाई की जा रही है।
Elephant terror: विभाग कर रहा मानिटरिंग
रायगढ़ वन मंडल में हाथियों के आमद होने से सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच कर हाथियों को भगाने के साथ ग्रामीणों को भी सजग कर रहे हैं, ताकि कोई जनहानी न हो, साथ ही इनके द्वारा किए जा रहे नुकसान भी हर दिन आकलन किया जा रहा है। साथ ही ग्रामीणों को किसी भी कार्य के सिलसिले में जंगल की तरफ जाने से मना किया जा रहा है।