इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार जशपुर जिला अंतर्गत बगीचा थाना क्षेत्र के ग्राम घोघर बेसन निवासी अजीत टोप्पो पिता स्टानिस लास टोप्पो घरघोड़ा के एक ढाबा में काम करता था और जीजा ललित उरांव के यहां घरघोड़ा के नगर पंचायत वार्ड क्रमांक 5 निवासी नरवा डीपा में रहता था। बीते 19 अक्टूबर 2020 को ललित उरांव के परिवार में नवा खाई का त्यौहार मनाया गया। रात करीब 9:10 बजे ललित उरांव अपने घर में अजीत टोप्पो के साथ सोने चला गया। उसी दौरान मृतक ललित उरांव के कमरे से खटपट की आवाज सुनकर ललित उरांव बेटा सतीश उरांव वहां पहुंचा तो देखा तो कमरे में अंधेरा था और कमरे से उसका मामला अजीत टोप्पो बाहर निकाल कर रहा था।
भांजे को आते देख उसने कहा कि तुम्हारे पिता को क्या हो गया है जाओ देखो जब सतीश जाकर देखा तो उसके पिता के गले और चेहरे में चोट के निशान थे और उसकी मृत्यु हो गई थी। उसके सिरहाने पर एक टांगी पड़ी थी। ऐसे में इसकी सूचना पुलिस को दी। इस मामले की रिपोर्ट मृतक के पुत्र सतीश ने पुलिस से की। मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। इस बीच अजीत टोप्पो फरार होने की तैयारी में था, लेकिन पुलिस ने उसे पकड़ लिया। पुलिस की पूछताछ में यह बात सामने आई अजीत टोप्पो ढाबा में मजदूरी करता था और अपने दीदी जीजा के यहां सोने के लिए आता था। उसका घर में आना-जाना मृतक ललित उरांव को पसंद नहीं था। इस बात को लेकर अक्सर दोनों के बीच विवाद होता था। इसी रंजिश के कारण अभियुक्त ने मौका पाकर जीजा मृतक ललित उरांव की हत्या कर फरार होने के फिराक में था, लेकिन मृतक के पुत्र के मौके पर आ जाने से नहीं भाग सका।
अर्थदंड से किया दंडित घरघोड़ा पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 302 के तहत अपराध दर्ज कर उसे न्यायालय के सुपुर्द किया। मामले की सुनवाई घरघोड़ा के अपर जिला एवं सत्र न्यायालय अच्छेलाल काशी के न्यायालय में हुई। न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की दलील को सुना तो आरोपी पर दोष सिद्ध हुआ। ऐसे में दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 500 रुपए के अर्थ दंड से दंडित किया। इस मामले में शासन की ओर से अपर लोक अभियोजक राजेश सिंह ठाकुर ने पैरवी की।