विदित हो कि 17 नवंबर को हुए विधानसभा चुनाव के एक दिन पूर्व निर्वाचन आयोग के अधिकारियों व प्रत्याशियों व उनके प्रतिनिधियों की उपस्थिति में मतदान सामग्री का वितरण किया गया है। मतदान सामग्री वितरण के दौरान कंट्रोल यूनिट में दर्ज नंबर के आधार पर कौन सा कंट्रोल यूनिट किस मतदान केंद्र में जा रहा है इसकी जानकारी तैयार की गई थी, उक्त जानकारी निर्वाचन आयोग के अधिकारियों के अलावा प्रत्याशियों व उनके प्रतिनिधियों को भी दिया जाता है। अब मतगणना के दिन कंट्रोल यूनिट का सील खोलने के पूर्व आयोग के अधिकारियों व प्रत्याशी या फिर उनके प्रतिनिधियों की उपस्थिति में उक्त नंबर का मिलान करने के फार्म 17 सी में सहमति देना होगा जिसके बाद ही कंट्रोल यूनिट की सील खोलकर मतगणना शुरू की जाएगी। मतगणना के हर चक्र में उक्त नंबर का मिलान किया जाएगा।
मतगणना के लिए निर्वाचन आयोग ने जिला स्तरीय अधिकारियों के अलावा उपअभियंताओं की डयूटी लगाई गई है। इनकी सूची तैयार कर ली गई है। मतगणना के लिए संबंधित अधिकारियों को प्रशिक्षण देने का कार्य भी शुरू कर दिया गया है।
वीवीपैट की होगी रेंडमली जांच निर्वाचन आयोग के निर्देश पर चुनाव व मतगणना में पारदर्शिता बरतने के लिए ईव्हीएम से मतगणना के अलावा हर विधानसभा में 10-10 मतदान केंद्र के वीवीपैट से पर्ची निकालकर उसकी भी गणना की जएगी। ईव्हीएम व पर्ची की गणना का मिलान किया जाएगा।