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पिछले तीन दिनों से प्रदेश भर हिस्सों में लगातार बारिश के चलते गंगा और यमुना नदियां उफान पर हैं। संगम में दोनों ही नदियों का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है। जल नियंत्रण बोर्ड से मिली जानकारी के मुताबिक नैनी में यमुना नदी का जल स्तर जहां 76.940 मीटर तक पहुंच गया है। वहीं गंगा नदी का जल स्तर फाफामऊ में 78.300 मीटर और छतनाग में 76ण्200 मीटर रिकार्ड किया गया है। संगम में गंगा और यमुना नदियों के लागातार बढ़ रहे जल स्तर को देखने बड़ी संख्या में शहरी लोग संगम तक पर पहुंच रहे हैं। वही घाटों पर कोई हादसा न हो इसको लेकर प्रशासन सतर्क है। प्रशासन ने जहां घाटों पर श्रद्धालुओं के स्नान के लिए बैरीकेटिंग लगायी है। वहीं जल पुलिस को भी 24 घण्टे तैनात कर दिया गया है। इसके साथ ही नाविकों को भी संगम आने वाले यात्रियों को गहरे पानी में ले जाने पर रोक दिया गया है। शहरवासी बाढ़ देखने संगम तट पहुंच रहे हैं साथ ही नाव से घूम कर सेल्फी लेने की होड़ लगी है।जिस पर प्रशासन ने पूरी तरह से रोक लगा दी है।
वहीं संगम में बढ़ रहे जल स्तर पर सिंचाई विभाग द्वारा स्थापित बाढ़ कन्ट्रोल रुम से लगातार नजर रखी जा रही है। बाढ़ कार्य खण्ड सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अवर अभियन्ता राम मूरत ने बताया प्रयाग में गंगा और यमुना नदियों का खतरे का लेवल 84ण्734 मीटर है। लेकिन दोनों नदियां खतरे के निशान से छह से आठ मीटर नीचे बह रही हैं। हांलाकि चौबीस घण्टे कन्ट्रोल रुम के जरिए नैनीए फाफामऊ और छतनाग में जलस्तर की मानीटरिंग की जा रही है। जिले में लगभग सौ बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं और सभी आठ तहसीलों में बाढ़ कन्ट्रोल रुम खोल दिए गए हैं।
बहरहालए संगम में जल स्तर लगातार बढ़ रहा है। लेकिन अभी भी दोनों नदियां खतरे के निशान से नीचे बह रही हैं। अभी तक जिले का कोई गांव भी बाढ़ के खतरे की जद में नहीं आया है। लेकिन यही हालात रहे तो जल्द ही गांव वालों को भी सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ेगा। इसके लिए जिला प्रशासन सभी तहसीलों में स्थापित बाढ़ कन्ट्रोल रुम और बाढ़ चौकियों पर नजर बनाये हुए है। ताकि बाढ़ की किसी भी आपदा से समय रहते निबटा जा सके।