इसके अलावा, हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि पीड़िता ने एक बच्चे को जन्म दिया था जो अब एक महीने से अधिक का हो चुका है। कोर्ट ने कहा, “जेल से रिहाई के तुरंत बाद आवेदक को रिहाई की तारीख से 15 दिनों की अवधि के भीतर अभियोजक से शादी करनी होगी।”
क्या है पॉक्सो कानून ? पॉक्सो (POCSO) एक्ट का पूरा नाम प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेन्स एक्ट है। हिंदी में इसे बाल यौन अपराध संरक्षण अधिनियम या कानून भी कहा जाता है। इस कानून को लाने की सबसे बड़ी वजह यही थी कि नाबालिग बच्चियों को यौन उत्पीड़न के मामलों में संरक्षण दिया जा सके। पॉक्सो कानून 18 वर्ष से कम उम्र के लड़के और लड़कियों पर लागू होता है। वहीं पॉक्सो एक्स के तहत दोषी पाए जाने पर कड़ी सजाओं का भी प्रावधान किया गया है।