महाकुंभ 2025: पुलिस ने बंद किया रास्ता तो हजारों की छूटी ट्रेन, 13,499 टिकट निरस्त
Mahakumbh 2025: महाकुंभ 2025 के पहले अमृत स्नान के बाद प्रयागराज में भारी भीड़ ने प्रशासनिक व्यवस्था को चुनौती दी। पुलिस बैरिकेडिंग और भीड़ प्रबंधन की असफलता के कारण हजारों श्रद्धालु की ट्रेन छूट गई।
Mahakumbh 2025: महाकुंभ के प्रथम अमृत स्नान के बाद श्रद्धालुओं की वापसी बेहद कठिन साबित हुई। विभिन्न स्थानों पर पुलिस द्वारा श्रद्धालुओं को रोकने के कारण कई लोग समय पर रेलवे स्टेशन नहीं पहुंच सके, जिससे सैकड़ों यात्रियों की ट्रेन छूट गई। प्रयागराज से 13,499 यात्रियों ने अपने आरक्षित टिकट रद्द करवाए।
मंगलवार रात को प्रयागराज जंक्शन पर भारी भीड़ के चलते हीवेट रोड चौराहा, जानसेनगंज चौराहा आदि जगहों पर पुलिस ने बैरिकेडिंग कर रास्ता बंद कर दिया। इस दौरान लगातार घोषणा की जाती रही कि जंक्शन की ओर न जाएं, क्योंकि वहां भीड़ अत्यधिक है। रोके गए श्रद्धालुओं में कई ऐसे यात्री शामिल थे, जिनके पास प्रयागराज एक्सप्रेस, हमसफर, बीकानेर, देहरादून एक्सप्रेस आदि ट्रेनों के लिए आरक्षित टिकट थे। नतीजतन, बड़ी संख्या में यात्रियों की ट्रेन छूट गई।
अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक, इस अफरा-तफरी के बीच जंक्शन समेत शहर के विभिन्न स्टेशनों से चलने वाली कई ट्रेनों के 13,499 यात्रियों को अपने आरक्षित टिकट रद्द करवाने पड़े। इनमें प्रतीक्षा सूची वाले टिकट भी शामिल थे। इस दौरान रेलवे ने टिकट रद्दीकरण के एवज में कुल 1.17 करोड़ रुपये की धनराशि यात्रियों को रिफंड के रूप में लौटाई।
दूसरे स्टेशनों पर भीड़ डायवर्ट करने में असफल रहा प्रशासन
महाकुंभ के पहले अमृत स्नान पर्व ने स्थानीय प्रशासन के भीड़ प्रबंधन की पोल खोल दी। जगह-जगह पुलिस द्वारा रोके जाने के कारण सैकड़ों यात्रियों की ट्रेन छूट गईं। ठहरने का कोई इंतजाम न होने के चलते अधिकांश श्रद्धालुओं को खुले आसमान के नीचे रात बितानी पड़ी। मेला शुरू होने से पहले जिला प्रशासन, मेला प्रशासन और रेलवे अधिकारियों की बैठकों में भीड़ प्रबंधन को प्राथमिकता दी गई थी। हालांकि, मकर संक्रांति के स्नान पर्व के दौरान जब यह पहली परीक्षा सामने आई, तो सारे दावे धराशायी होते नजर आए।
बैठकों में यह योजना बनाई गई थी कि स्नान के बाद लौटने वाली भीड़ को रूट के अनुसार विभिन्न स्टेशनों पर भेजा जाएगा, लेकिन यह व्यवस्था पूरी तरह असफल रही। अधिकांश भीड़ प्रयागराज जंक्शन की ओर डायवर्ट हो गई। सुबह 10 बजे से शुरू हुई भीड़ बढ़ने का सिलसिला रात 9-10 बजे तक जारी रहा। हालात बिगड़ते देख प्रशासन को जंक्शन पर यात्रियों का प्रवेश बंद करना पड़ा।
सिर्फ खुसरो बाग को होल्डिंग एरिया के रूप में उपयोग किया गया, जबकि अन्य होल्डिंग एरिया का इस्तेमाल ही नहीं हुआ। सिटी साइड के मुकाबले सिविल लाइंस साइड में पब्लिक एड्रेस सिस्टम की कमी भी बड़ी समस्या साबित हुई। रात के समय जब भीड़ चरम पर पहुंच गई, तब जाकर अनाउंसमेंट किया गया कि प्रयागराज जंक्शन की ओर न जाएं। लेकिन तब तक स्थिति काफी हद तक नियंत्रण से बाहर हो चुकी थी।