scriptमहाकुम्भ के गंगा पंडाल में संस्कृति का संगम, शंकर महादेवन ने चलो कुंभ चले गीत से किया मंत्रमुग्ध | Mahakumbh Confluence of cultures in Ganga Pandal of Mahakumbh, Shankar Mahadevan mesmerized with the song Chalo Kumbh Chale | Patrika News
प्रयागराज

महाकुम्भ के गंगा पंडाल में संस्कृति का संगम, शंकर महादेवन ने चलो कुंभ चले गीत से किया मंत्रमुग्ध

Mahakumbh 2025: प्रयागराज में चल रहे महाकुम्भ को दिव्य और भव्य बनाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। वहीं सांसस्कृतिक विभाग द्वारा गंगा पंडाल में भव्य सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया है। जिसकी शुरुआत प्रसिद्ध संगीतकार शंकर महादेवन द्वारा मनमोहक कुम्भ के गीत से की गई।

प्रयागराजJan 16, 2025 / 10:38 pm

Krishna Rai

Mahakumbh 2025: महाकुम्भ 2025 भारतीय संस्कृति, परंपराओं और कलात्मक अभिव्यक्तियों का एक अद्भुत संगम है। बृहस्पतिवार को गंगा पंडाल में संस्कृति विभाग के विशेष कार्यक्रम “संस्कृति का संगम” में प्रसिद्ध गायक और संगीतकार शंकर महादेवन ने अपने गीतों से गंगा पंडाल को भक्तिमय बना दिया। कार्यक्रम का शुभारंभ उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
महाकुम्भ के लिए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का जताया आभार
मशहूर संगीतकार शंकर महादेवन ने महाकुम्भ जैसे पवित्र आयोजन का हिस्सा बनने को अपना सौभाग्य बताया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार व्यक्त किया। उद्घाटन समारोह में उन्होंने “चलो कुंभ चले” गीत प्रस्तुत कर श्रद्धालुओं को भक्ति भाव से सराबोर कर दिया। इसके बाद उन्होंने गणेश वंदना गाकर पूरे पंडाल को गुंजायमान कर दिया।
Mahakumbh
महाकुम्भ के गंगा पंडाल में सांस्कृतिक नृत्य प्रस्तुत करते कलाकार।
संगम तट पर झंकृत होगी संगीत और कला की दिव्य धारा
गंगा पंडाल में 24 फरवरी तक प्रतिदिन भव्य सांस्कृतिक संध्याओं का आयोजन होगा। इसमें देशभर के प्रतिष्ठित गायक, संगीतकार और नृत्य कलाकार अपनी प्रस्तुतियों से श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध करेंगे। महाकुंभ के इस अलौकिक आयोजन में कैलाश खेर, कविता सेठ, नितिन मुकेश, सुरेश वाडेकर, हरिहरन, कविता कृष्णमूर्ति समेत कई नामचीन कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे।
आस्था, संस्कृति और परंपरा का महासंगम
महाकुम्भ का अद्भुत रात्रि दृश्य आस्था की रोशनी से जगमगाता है, जहां लाखों श्रद्धालु संगम में स्नान कर अपनी आत्मशुद्धि का अनुभव करते हैं। यह आयोजन न केवल भारतीय संस्कृति की भव्यता को दर्शाता है, बल्कि एकता और सद्भाव का संदेश भी देता है। महाकुंभ भारतीय कला, संस्कृति और अध्यात्म का एक भव्य मंच है, जहां लोक संगीत, शास्त्रीय नृत्य और नाट्य कलाएं श्रद्धालुओं को भक्ति और आस्था की अद्भुत अनुभूति कराएंगी। इस अवसर पर महापौर गणेश शंकर केसरवानी, विधायक पूजा पाल समेत जनप्रतिनिधि और अधिकारी उपस्थित थे।

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