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प्रयागराज

केंद्र सरकार ने सांसद विनोद सोनकर को इविवि का मेंबर आॅफ कोर्ट नियुक्त किया

इलाहाबाद विश्वविद्यालय में लम्बे समय से चल रही है कई मामलों में जाँच
 

प्रयागराजMar 13, 2018 / 12:42 am

प्रसून पांडे

allahabad univercity

केंद्र सरकार ने सांसद विनोद सोनकर को इविवि का मेंबर आॅफ कोर्ट नियुक्त किया

इलाहाबाद :इलाहाबाद विश्वविद्यालय में कुलपति रतनलाल लाल हांगलू के खिलाफ चल रही, तमाम शिकायतों और विवादों के बाद एमएचआरडी ने जांच के दौरान ही कौशाम्बी के सांसद विनोद कुमार सोनकर को इलाहाबाद विश्वविद्यालय में केन्द्र सरकार द्वारा मेंबर आॅफ कोर्ट नियुक्त किया। विनोद सोनकर केन्द्रीय विश्वविद्यालय की संचालन समिति में सदस्य के रूम में तीन वर्ष कार्य करेंगे। इसकी जानकारी सोमवार की शाम भारतीय जनता पार्टी कौशाम्बी के मीडिया प्रभारी अधिवक्ता राजेन्द पाण्डेय ने दी। उन्होंने बताया कि मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय भारत सरकार ने सर्वे कराने के बाद नियुक्ति किया।

गौरतलब है कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय में वित्तीय अनियमितताओं सहित तमाम मुद्दों पर कुलपति के खिलाफ लंबे समय से अलग अलग मुद्दों को लेकर जाँच चल रही है । इसके लिए एमएचआरडीनद्वारा जांच टीम भी गठित की गई है । बता दें कि इलाहाबाद में चल रहे फूलपुर संसदीय क्षेत्र के उपचुनाव के दौरान प्रचार के लिए पहुंचे केंद्रीय मंत्री सहित मुख्यमंत्री से छात्रों ने मिलकर कुलपति के खिलाफ कार्यवाही की मांग की थी।जिसके बाद विनोद सोनकर को कोर्ट नंबर इलाहाबाद विश्वविद्यालय बनाया गया है।

दो माह पहले इलाहाबाद विश्वविद्यालय में पहुंची एमएचआरडी की जांच टीम ने छात्र नेताओं सहित शिक्षकों से और छात्रों से मिलकर कुलपति और विश्वविद्यालय में चल रहे, तमाम मुद्दों पर चर्चा की । इस दौरान शिकायतकर्ताओं ने जांच कमेटी को कई अहम साक्ष्य भी देने का दावा किया था । लगातार दो वर्षों से कुलपति के खिलाफ विश्वविद्यालय में समय.समय पर आंदोलन चलते रहे है । लेकिन बीते समय विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों में चल रही शिक्षक भर्ती में हुई अनियमितताओं को लेकर छात्रों में नाराजगी है ।

छात्रों का आरोप है कि कुलपति ने मानक के विपरीत मनमाने तरीके से शिक्षकों की नियुक्ति की है । इसकी जांच होनी चाहिए ,और शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया दुबारा शुरू की जानी चाहिए । हालाकि विश्वविद्यालय प्रशासन की माने तो शिक्षक भर्ती महाविद्यालयों द्वारा की भर्ती में यूजीसी की गाइडलाइन के अनुसार भर्ती की गई है। छात्रो का दावा है की स्क्रीनिग में बड़े पैमाने पर गडबडी की है ।

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