संभल के श्री हरि विष्णु मंदिर का सीएम योगी ने किया जिक्र
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कुछ लोगों ने संभल में जिले के क्षेत्रफल से भी अधिक भूमि को वक्फ बोर्ड की संपत्ति घोषित कर दिया है, जो पूरी तरह से गलत है। उन्होंने कहा कि श्री हरि विष्णु का दसवां अवतार कल्कि के रूप में होगा, जिसका उल्लेख आज से नहीं, बल्कि पांच हजार साल पहले पुराणों में किया गया है। संभल में जो कुछ भी मौजूद है, वह सनातन धर्म से जुड़ा हुआ है। सीएम ने यह भी कहा कि पांच हजार साल पहले धरती पर इस्लाम का अस्तित्व ही नहीं था, ऐसे में जामा मस्जिद वहां कैसे हो सकती है?‘1528 में तोड़ा गया रामलला का मंदिर’
सीएम योगी आदित्यनाथ ने आइन-ए-अकबरी का हवाला देते हुए कहा कि इसमें स्पष्ट उल्लेख है कि श्री हरि विष्णु के मंदिर को तोड़कर मस्जिदनुमा ढांचा खड़ा किया गया था। उन्होंने कहा कि अगर यह सच है, तो इस गलती को स्वीकार करना चाहिए। सनातन धर्म से जुड़े प्रतीकों में अनावश्यक बाधा डालने के बजाय उन्हें सम्मानजनक तरीके से सौहार्द और देशहित में वापस मिलना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि आइन-ए-अकबरी में यह भी दर्ज है कि 1528 में अयोध्या में रामलला के मंदिर को तोड़कर एक ढांचा खड़ा किया गया था। सीएम ने कहा कि जब हिंदू आस्था इन मुद्दों पर आग्रह करती है, तो उसे सुना जाना चाहिए। यह भी पढ़ें
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भू-माफिया को देर सवेर खाली करनी ही होगी जमीन
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रयागराज की इस पवित्र धरती पर हजारों वर्षों से कुंभ का आयोजन होता आ रहा है। अगर इसे कोई वक्फ बोर्ड की जमीन कहे, तो सवाल उठता है कि यह वक्फ बोर्ड है या भू माफियाओं का बोर्ड? उन्होंने ऐसी दुष्प्रवृत्तियों पर सख्ती से रोक लगाने की बात कही। सीएम ने स्पष्ट किया कि सार्वजनिक उपयोग की जमीन, हिंदू आस्था से जुड़े पवित्र स्थलों की जमीन या सरकारी संपत्ति पर किसी भी भूमाफिया बोर्ड को कब्जा नहीं करने दिया जाएगा। यह भूमि कुंभ के लिए है और भविष्य में भी साधु-संतों को इसी प्रकार उपलब्ध कराई जाएगी। यह भी पढ़ें