Pratapgarh News: यूपी के
प्रतापगढ़ जिले में भारतीय न्याय संहिता बीएनएस के तहत अलीगढ़ और सीतापुर के बाद प्रतापगढ़ में यह तीसरा फैसला सुनाया गया है। जिसमें 6 माह के भीतर आरोपियों को सजा हुई है। दरअसल पांच माह पूर्व प्रेमी के साथ मिलकर अपने 11 साल के बेटे की हत्या करने के मामले में कोर्ट ने मां व उसके प्रेमी को उम्र कैद की सजा दी है। जिला जज ने दोनों पर 30-30 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। यह जिले में बीएनएस के अंतर्गत दर्ज केस का प्रथम फैसला है। दावा है कि बीएनएस के अंतर्गत दर्ज उत्तर प्रदेश का यह तीसरा मामला है, जिसमें कोर्ट ने फैसला सुनाया है।
बीते दो जुलाई को जलालपुर किठौली पट्टी में यह हत्याकांड सामने आया था। गांव के अवधेश कुमार की पत्नी सरस्वती देवी ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसका 11 साल का पुत्र उमेश एक जुलाई की आधी रात अचानक घर से गायब हो गया। पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर खोजबीन शुरू कर दी। चार जुलाई को बच्चे का शव गांव से आधा किमी दूर कुएं में मिला। पुलिस की जांच में सरस्वती व उसके प्रेमी रोशनलाल पर गहरा शक हुआ। दोनों से कड़ाई से पूछताछ हुई तो पता चला कि दोनों ने प्रेम में बाधक बनने पर मासूम को गला दबाकर मार डाला था। शव मिलने के बाद पुलिस ने गुमशुदगी में दर्ज केस को भारतीय न्याय संहिता के अंतर्गत हत्या की धारा 103 में दर्ज कर विवेचना शुरू की। अपनी रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल कर दी। राज्य की ओर से पैरवी कर रहे डीजीसी योगेश शर्मा तथा एडीजीसी विक्रम सिंह ने साक्ष्यों को प्रस्तुत किया। उमेश के भाई किशन की भी गवाही हुई। बेटे की हत्या का दोष सिद्ध होने पर सरस्वती व प्रेमी रोशनलाल को आजीवन कारावास के साथ 30-30 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया। पुलिस अधीक्षक डा. अनिल कुमार ने बताया कि बीएनएस में दर्ज यह प्रदेश का तीसरा मामला है, जिसमें कोर्ट ने सजा सुनाई है। जबकि प्रतापगढ़ जिले का प्रतागपढ़ का पहला केस है।
एसपी बोले- 6 माह के भीतर हुई सजा
इस संबंध में एसपी अनिल कुमार ने बताया कि बीएनएस के तहत यह प्रदेशभर में तीसरा फैसला है। इससे पहले अलीगढ़ और सीतापुर में फैसला सुनाया गया है। प्रदेश में बीएनएस में दर्ज मामले में हत्या का यह पहला फैसला है। छह माह के भीतर भी कोर्ट ने दोषियों को सजा सुनाई।