दरअसल राहुल गांधी को जब लखीमपुर खीरी जाने की इजाजत नहीं मिली थी तब उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि उत्तर प्रदेश सरकार ने टीएमसी नेताओं को जिस तरह इस कांड के पीड़ित परिवारों से मिलने दिया वैसे ही कांग्रेस नेताओं को भी इजाजत दें। राहुल गांधी के इसी बयान पर अब तृणमूल कांग्रेस ने पलटवार करते हुए तंज कसा है। घोष ने राहुल गांधी को पार्ट टाइम पॉलिटिशियन बताया।
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Lakhimpur Kheri जाने पर अड़े राहुल गांधी, बोले- मारो चाहे गाड़ो, फर्क नहीं पड़ता टीएमसी के महासचिव और प्रवक्ता कुणाल घोष ने ट्वीट कर कहा, ‘राहुल गांधी को लोगों को तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर लोगों को गुमराह नहीं करना चाहिए। टीएमसी किसी भी पार्ट टाइम पॉलिटिशयन की तरफ से गैर-राजनीतिक कमेंट को स्वीकार नहीं करेगी जो बीजेपी का सामना करने में नाकाम रही।
घोष ने कहा कि, हम कांग्रेस का सम्मान करते हैं और गैर भाजपाई एकता के समर्थन में हैं। हम सड़क पर हैं सिर्फ ट्विटर में नहीं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को यह समझना चाहिए कि टीएमसी के सांसद लंबी लड़ाई के बाद लखीमपुर खीरी में हैं।
यहां ये जान लेना जरूरी है कि लखीमपुर खीरी में हुई घटना के बाद वहां बीजेपी विरोधी दलों के नेता लगातार पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। टीएमसी के अलावा भीम आर्मी के सदस् भी लखीमपुर खीरी जा चुके हैं।
हालांकि बाद में सरकार ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा को लखीमपुर खीरी जाने की इजाजत भी दे दी है। लेकिन टीएमसी के इस तंज ने कांग्रेस और टीएमसी के बीच एक विवाद जरूर खड़ा कर दिया है।
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Lakhimpur Kheri Violence: केजरीवाल ने पुलिस पर उठाए सवाल, पूछा- कब गिरफ्तार होंगे हत्यारे वहीं घोष के बयान के बाद बंगाल कांग्रेस के प्रवक्ता सौम्या रॉय ने कहा, ‘देश की जनता इस बात की गवाह है कि किसानों ने कांग्रेस को खड़ा किया और इसके बाद यह भाजपा विरोधी चेहरा बनी।
सच्चाई यह है कि टीएमसी नेताओं को आसानी से लखीमपुर खीरी जाने दिया गया, जिससे यह भी पता चलता है कि बीजेपी और टीएमसी अंदर ही अंदर एक साथ हैं। कुछ इस तरह से बीजेपी विपक्षी दल को कमजोर बनाना चाहती है।’