मुंबई में एक कार्यक्रम में अपनी पत्रकारिता के अनुभव साझा करते हुए राउत ने कहा कि साठ से अस्सी के दशक की शुरुआत तक मुंबई के अंडरवर्ल्ड में करीम लाला, मस्तान मिर्जा उर्फ हाजी मस्तान और वर्दराजन मुदालायर तीन डॉन हुआ करते थे।
वे तय करते थे कि मुंबई पुलिस का कमिश्नर कौन होगा और कौन राज्य सचिवालय में बैठेगा। जब हाजी मस्तान मंत्रालय आता तो पूरा सचिवालय उसे देखने के लिए काम छोड़कर नीचे चला आता था।
यही नहीं पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधई करीम लाला से दक्षिणी मुंबई के पायधोनी में मुलाकात करती थीं।
राउत ने एक चौंकाने वाला खुलासा करते हुए बताया कि मैंने 1993 मुंबई सीरियल धमाके में प्रमुख आरोपी दाऊद इब्राहिम से भी मुलाकात की थी और उसे लताड़ लगाई थी। हमने उस वक्त का अंडरवर्ल्ड देखा है। अब तो बस चिल्लर रह गया है।
पूर्व प्रधानमंत्री को लेकर दिए संजय राउत के बयान ने तूल पकड़ लिया है। यही वजह है कि शिवसेना नेता ने इस पर तुरंत अपनी सफाई भी दे डाली।
उधर..शिवाजी के वंशज उदयनराज ने संजय राउत के बयान के बाद उनके खिलाफ मामला दर्ज करने और गिरफ्तार करने की मांग की है।