कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी गोहिल ने बिहार को स्पेशल स्टेटस का दर्जा ने देने को लेकर मोदी सरकार की निशाने पर लेने का काम किया। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि नीति आयोग की हालिया बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग का मुद्दा उठाया तो पीएम मोदी ने इसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया। इसी तरह पटना यूनिवर्सिटी को विशेष यूनिवर्सिटी का दर्जा देने के प्रस्ताव को सार्वजनिक तौर पर ठुकरा चुके हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि नीति आयोग की बैठक में पीएम द्वारा अपमानित किए जाने के बाद भी नीतीश कुमार ने भाजपा की अगुवाई में एनडीए में बने रहने का निर्णय लिया है।
आपको बता दें कि 19 जून को भाजपा ने पीडीपी से तीन साल पुराना गठबंधन खत्म कर दिया। भाजपा ने गठबंधन खत्म करते हुए कहा था कि पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या, सेना के जवान औरंगजेब की हत्या और प्रेस की फ्रीडम के चलते वह पीडीपी के साथ अपना राजनीतिक रिश्ता खत्म कर रही है। जहां तक बिहार की बात है तो 2017 में नीतीश ने आरजेडी की दामन छोड़कर बिहार में भाजपा का हाथ पकड़ा था। शुरुआत के कुछ वक्त तो दोनों पार्टियों के रिश्ते सामान्य रहे लेकिन पिछले दिनों नीतीश का बिहार को विशेष राज्य की मांग के लिए आवाज ऊंची करना, नोटबंदी की आलोचना और साम्प्रदायिक मामलों को लेकर भाजपा पर हमला बोलना जैसी बातें मोदी सरकार को खटकने लगी हैं। उन्होंने कहा कि इन सब मुद्दों पर दोनों के बीच सबकुछ ठीकठाक नहीं चल रहा है। हालांकि भाजपा-जेडीयू गठबंधन कश्मीर जैसा फैसला बिहार में लेगी ये कहना अभी जल्दबाजी होगा।