संजय राउत भले ही पांच साल तक सरकार चलने का दावा कर रहे हैं और कह रहे हैं कि सबकुछ ठीक है, लेकिन महाराष्ट की सियासत में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। एक तरफ जहां शिवसेना के विधायक उद्धव ठाकरे से बीजेपी से नजदीकी बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। वहीं कांग्रेस पहले से ही विधानसभा और स्थानीय चुनाव अलग लड़ने का ऐलान कर चुकी है। सेना स्थापना दिवस पर उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस पर निशाना साधा था। वहीं शिवसेना और बीजेपी में नजदीकियां बढ़ती दिखाई दे रही हैं। 8 जून को पीएम मोदी और उद्धव ठाकरे की मुलाकात भी हुई थी।
वहीं शिवसेना के विधायक प्रताप सरनाइक ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने लिखा कि उन्हें उद्धव ठाकरे के नेतृत्व पर पूरा भरोसा है, लेकिन और राकांपा शिवसेना को कमजोर करने का प्रयास कर रही है। विधायक ने पत्र ने बीजेपी से करीबी बढ़ाने के लिए कहा है। उन्होंने लिखा,’आप अगर पीएम नरेंद्र मोदी से करीबी बना लें तो हमारे लिए ये बेहतर होगा। इससे पार्टी और कार्यकताओं को भी लाभ होगा।’ साथ ही सरनाइक ने अपने पत्र में लिखा कि राकांपा और कांग्रेस अपने—अपने मुख्यमंत्री चाहते हैं।
वहीं कांग्रेस नेता नाना पटोले ने रविवारको कहा कि कांग्रेस पार्टी उद्धव ठाकरे का कार्यकाल पूरा होने तक पूरी ताकत से उनका समर्थन करेगी। उन्होंने यह भी कहा राज्य सरकार को कांग्रेस की ओर से कोई परेशानी नहीं होगी। साथ ही उन्होंने कहा कि गठबंधन को कांग्रेस से कोई नुकसान नहीं होगा। वहीं कांग्रेस के अपने दम पर चुनाव लड़ने की बात पर उद्धव ठाकरे ने निशाना साधते हुए कहा कि खुद के दम पर चुनाव लड़ने की बात करोगे तो लोग चप्पल से मारेंगे। लोग कहेंगे की तुम सत्ता में आने के लिए यह कह रहे हो।