भारतीय सेना ने ग्लव्स विवाद से खुद को किया अलग, बलिदान चिन्ह धोनी का निजी निर्णय कैबिनेट सचिव का बढ़ा 3 महीने का कार्यकाल अमूमन देखा गया है कि कैबिनेट सचिव की नियुक्ति दो साल के तय कार्यकाल के लिए होती है। अखिल भारतीय सेवा नियम 1958 के मुताबिक सरकार कैबिनेट सचिव को सेवा विस्तार दे सकती है, लेकिन उनका कुल कार्यकाल चार साल से ज्यादा का नहीं होना चाहिए। प्रदीप कुमार सिन्हा अपने कार्यकाल का चार साल पूरा करने जा रहे हैं। इसके बावजूद मोदी सरकार ने कैबिनेट सचिव को एक और सेवा विस्तार देनेे का निर्णय लिया है। इसके लिए नियम तक बदल दिए गए हैं।
तो चंद्रशेखर राव ने कर दिया तेलंगाना को ‘कांग्रेस मुक्त’! सेवा नियम 1958 में संशोधन इसके लिए मोदी सरकार ने अखिल भारतीय सेवा नियम 1958 में संशोधन कर दिया है। संशोधित नियमों के अनुसार केंद्र सरकार चार साल के कार्यकाल के बाद भी कैबिनेट सचिव को अधिकतम तीन महीने का कार्य विस्तार दे सकती है। नियम में बदलाव के तुरंत बाद सरकार ने सिन्हा को तीन महीने का कार्य विस्तार देने की घोषणा की है। इसके साथ ही सिन्हा कैबिनेट सचिव के तौर पर सबसे लंबे वक्त तक काम करने वाले देश के पहले नौकरशाह बन जाएंगे।
पीएम मोदी VS सीएम ममता: कालीघाट पोस्ट ऑफिस में लगा ‘जय श्री राम’ के पोस्टकार्डों का पहले भी मिल चुका 2 साल का सेवा विस्तार बता दें कि पिछले महीने प्रधानमंत्री मोदी ने दोबारा पीएम पद का कार्यभार संभाला है। इसलिए पीएम तत्काल किसी बड़े बदलाव की ओर बढ़ने की तुलना में सिन्हा को तीसरी बार कार्य विस्तार दिया गया है। इससे पहले उनका कार्यकाल 2017 और 2018 में एक-एक साल के लिए बढ़ाया गया था। कार्मिक मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी आदेश के अनुसार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की नियुक्ति मामलों की समिति ने 12 जून, 2019 के बाद सिन्हा को तीन महीने का कार्य विस्तार दिया है। सिन्हा को मई, 2015 में दो साल के लिए कैबिनेट सचिव नियुक्त किया गया था।
मालेगांव ब्लास्ट केस: प्रज्ञा ठाकुर के रवैये से NIA कोर्ट नाराज, आज पेश होने का सख्त आदेश 2 IAS को मिल चुका है दो साल का सेवा विस्तार बता दें कि पीके सिन्हा के पहले अजीत कुमार सेठ और केएम चंद्रशेखर दोनों चार-चार साल के लिए इस पद पर रह चुके हैं। सेठ की नियुक्ति यूपीए ने 2011 में की थी, जिनका कार्यकाल 2014 तक बना रहा।