दिल्ली अध्यादेश पर फंसा है मामला
दिल्ली अध्यादेश मामले में आम आदमी पार्टी, देश में कई राजनीतिक दलों से समर्थन ले चुकी है। दिल्ली अध्यादेश आप के लिए एक बड़ा फांस है। इसे निकलने के लिए वो देश की बड़ी पार्टी कांग्रेस से समर्थन चाहती है। पर कांग्रेस ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है। मामला है केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच अधिकारों को लेकर लड़ाई का। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के पक्ष में फैसला दिया था। इस पर केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण बनाने का अध्यादेश लेकर आई है। इस अध्यादेश को कानून बनाने के लिए छह महीने में संसद से पास कराना जरूरी है।
मौके पर चौका लगाने की है आप की चाह
केंद्र सरकार बहुमत होने के चलते लोकसभा में इसे आसानी से पास करा लेगी। पर केजरीवाल को उम्मीद है कि अगर राज्यसभा में विपक्षी पार्टियां साथ आ गईं तो नंबर गेम में भाजपा को मात दी जा सकती है। इसलिए मौके पर चौका लगाना चाह रहे हैं।
कांग्रेस से अभी तक अपना रुख जाहिर नहीं किया
पूर्व में आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने विपक्षी नेताओं को लेटर लिखकर यह मांग रखी थी कि बैठक में सबसे पहले दिल्ली अध्यादेश पर चर्चा हो। पटना बैठक में सभी दलों को कांग्रेस से रुख स्पष्ट करने को कहा गया। केजरीवाल ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात का समय मांगा था पर कांग्रेस ने अब तक न मुलाकात का समय दिया और न ही अध्यादेश पर अपना आधिकारिक रूख जाहिर किया है। विपक्षी दलों की बैठक के बहाने आप अपने अधिकार को पाना चाहती है।
केजरीवाल ने फिर से एक नाटकीय बयान दिया – कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित
अरविंद केजरीवाल ने अपना फिर से एक नाटकीय बयान दिया है कि कांग्रेस अगर अपना अध्यादेश के मुद्दे पर रुख साफ नहीं करेगी तो वो पटना में कल होने वाली विपक्ष की बैठक में शामिल नहीं होंगे। केजरीवाल जी आपको कोई मिस नहीं करेगा..आप वहां जाए या न जाए। हम लोग तो पहले से ही जानते थे कि विपक्ष की बैठक में न शामिल होने के लिए आप तो बहाने ढूंढ रहे थे। आपको बता दूं कि ये देश की चिंता करने वालों की बैठक है… सौदाबाजों की बैठक नहीं है।
भाजपा और कांग्रेस के बीच एक समझौता – प्रियंका कक्कड़
आम आदमी पार्टी की नेता प्रियंका कक्कड़ ने कहाकि विश्वसनीय सूत्रों ने बताया है कि भाजपा और कांग्रेस के बीच एक समझौता हो गया है कि कांग्रेस भाजपा का समर्थन करेगी और जब इस अध्यादेश को राज्यसभा में लाया जाएगा तब कांग्रेस वॉकआउट करेगी। कांग्रेस अपना पक्ष साफ करने में इतना समय क्यों नहीं ले रही है। हमें सब जगह से समर्थन मिला है। कांग्रेस की चुप्पी संदेहजनक है।
यह भी पढ़ें – तेजस्वी यादव ने बताया विपक्षी एकता पर बैठक की वजह, बोले – मोदी से कोई डर नहीं
विपक्ष दलों की बैठक में शामिल होने वाले नेता
जेडीयू – नीतीश कुमार
आरजेडी – तेजस्वी यादव
कांग्रेस – राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे
तृणमूल कांग्रेस – ममता बनर्जी
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी – शरद पवार
शिवसेना यूबीटी – उद्धव ठाकरे
आम आदमी पार्टी – अरविंद केजरीवाल संजय सिंह
समाजवादी पार्टी – अखिलेश यादव
झारखंड मुक्ति मोर्चा – हेमंत सोरेन
डीएमके – एमके स्टालिन
नेशनल कॉन्फ्रेंस – उमर अब्दुल्ला
पीडीपी – महबूबा मुफ्ती
भाकपा – डी राजा
भाकपा – माले दीपांकर भट्टाचार्य
माकपा – सीताराम येचुरी।