इस बैठक से पहले सरकार ने कोई एजेंडा नहीं रखा था, लेकिन मीटिंग शुरू होने के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एजेंडा और अपनी सोच को जाहिर किया। इस बैठक के बाद से अब जम्मू-कश्मीर की सियासी गलियों में एक बार फिर से हलचल शुरू हो गई है। कश्मीर के तमाम राजनैतिक दल अपने-अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के साथ ही राजनीतिक जमीन को मजबूत करने की दिशा में फिर से मंथन करने लगे हैं।
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यही कारण है कि पीएम मोदी के साथ हुए सर्वदलीय बैठक के बाद नेताओं के सुर बदल गए हैं। शनिवार को पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने एक बड़ा ऐलान किया है। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने भी स्पष्ट किया है कि सबसे पहले जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा वापस मिले.. इसके बाद चुनावी प्रक्रिया को शुरू किया जाए। तमाम नेता बयानबाजी कर रहे हैं और अपना-अपना राग अलाप रहे हैं।
धारा 370 की बहाली तक नहीं लड़ेंगे चुनाव: महबूबा
पीएम के साथ बैठक के बाद शनिवार को पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि वह खुद तब तक कोई चुनाव नहीं लड़ेंगी, जब तक कि जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा बहाल नहीं हो जाता। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को यह तय करना होगा कि कश्मीर के लोगों के साथ ‘दिल की दूरी’ समाप्त हो।
महबूबा ने अपनी पुरानी मांगों को दोहराते हुए एक बार फिर से कहा कि जबतक धारा 370 बहाल नहीं होता जाता है, तब तक वह कोई चुनाव नहीं लड़ेंगी। लेकिन साथ ही मेरी पार्टी इस तथ्य से भी अवगत है कि हम किसी को राजनीतिक स्थान नहीं लेने देंगे। उन्होंने कहा कि पिछले साल हुए जिला विकास परिषद (BDC) का चुनाव हमने लड़ा था। उसी तरह यदि सरकार विधानसभा चुनाव कराती है तो इसपर बैठकर पार्टी चर्चा करेगी और फिर फैसला लेगी।
धारा 370 की बहाली तक मिशन से पीछे नहीं हटेंगे: उमर अब्दुल्ला
उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को एक बयान में कहा कि पीएम मोदी के साथ सर्वदलीय बैठक में गुपकार अलायंस के एजेंडे के बाहर कोई बात नहीं की गई। हम धारा 370 की बहाली के अपने मिशन से पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने आगे कहा, ‘वहां किसी ने प्रधानमंत्री से नहीं कहा कि हम 5 अगस्त कबूल करते हैं। हमने कहा कि हम इससे नाराज हैं। महबूबा मुफ्ती और फारुख अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री से स्पष्ट और साफ कहा कि भाजपा को 370 हटाने का अपना एजेंडा कामयाब कराने में 70 साल लगे। हमें 70 महीने लगेंगे तो भी हम अपने मिशन से पीछे नहीं हटेंगे।’
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में हम सबकी तरफ से गुलाम नबी आजाद ने बात रखी और ये कहा कि हम डिलिमिटेशेन, चुनाव और राज्य का दर्जा के इस टाइमलाइन को नहीं मानते हैं। हम पहले डिलिमिटेशन फिर राज्य का दर्जा, फिर चुनाव चाहते हैं।
सर्वदलीय बैठक में किसने क्या कहा था?
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती – मैंने बैठक में प्रधानमंत्री से कहा कि अगर आपको धारा 370 को हटाना था तो आपको जम्मू-कश्मीर की विधानसभा को बुलाकर इसे हटाना चाहिए था। इसे गैरकानूनी तरीके से हटाने का कोई हक नहीं था। हम धारा 370 को संवैधानिक और कानूनी तरीके से बहाल करना चाहते हैं। जम्मू-कश्मीर के लोग धारा 370 के रद्द होने से नाराज हैं। हम जम्मू-कश्मीर में धारा 370 को फिर से बहाल करेंगे। इसके लिए हम शांति का रास्ता अपनाएंगे। इस पर कोई समझौता नहीं होगा।
नेशनल कॉन्फ्रेस नेता उमर अब्दुल्ला – हम 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार के द्वारा 370 को खत्म करने के फैसले को हम स्वीकार नहीं करेंगे। हम अदालत के जरिए 370 के मामले पर अपनी लड़ाई लड़ेंगे। लोग चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर को पूर्ण रूप से राज्य का दर्जा दिया जाए।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह – PM ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सभी जगह विकास पहुंचे इसके लिए साझेदारी हो। विधानसभा चुनाव के लिए डिलिमिटेशन की प्रक्रिया को तेजी से पूरा करना होगा ताकि हर क्षेत्र प्राप्त राजनीतिक प्रतिनिधित्व विधान सभा में प्राप्त हो सकें।