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बिहार: 7वीं बार मुख्यमंत्री बनेंगे Nitish Kumar, उपमुख्यमंत्री के नाम पर संस्पेंस बरकरार मुख्यमंत्री बनने का सफर मूलरूप से बिहार के बख्तियारपुर का रहने वाले नीतीश कुमार का जन्म एक मार्च, 1951 को हुआ था। नीतीश कुमार ने जेपी आंदोलन से अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी। नीतीश कुमार ने वर्ष 1977 में हरनौत विधानसभा सीट से पहली बार चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। वहीं, 1985 में उन्होंने हरनैत विधासभा सीट से ही चुनाव जीता। इसके बाद से उनकी शानदार राजनीतिक पारी शुरू हो गई। 1989 में उन्होंने बाढ़ लोकसभा सीट से पहली संसदीय चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। अप्रैल, 1990-16 जुलाई 1990 तक केन्द्र में मंत्री भी रहे। 1991 में फिर सांसद बने। वहीं, 1998 में जब तीसरी बार नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने तो उन्हें केन्द्र में बड़ा ओहदा मिल गया। 19 मार्च, 1998-5 अगस्त, 1999 तक वह रेल मंत्री रहे। वहीं, तीन मार्च, 2000 को वह पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री रहे। हालांकि, उस समय उनका कार्यकाल काफी छोटा रहा। सात दिन में ही उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। 10 मार्च, 2000 को ही उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा।
केन्द्र और राज्य से गहरा नाता! इसके बाद वह एक बार फिर केन्द्र पहुंचे और दोबारा रेल मंत्री बने। वहीं, साल 2005 में वह दोबारा बिहार के मुख्यमंत्री बने। 24 नवबंर, 2005 से लेकर 17 मई, 2014 तक बिहार के मुख्यमंत्री बने रहे। हालांकि, बीच में उन्होंने बिहार की कमान जीतनराम मांझी को सौंप दिया था। लेकिन, 2015 विधानसभा चुनाव में वह महागठबंधन में शामिल होकर बिहार चुनाव लड़े और जीत हासिल की। एक बार फिर नीतीश कुमार के सिर सीएम का सेहरा सजा। 22 फरवरी, 2015 को वह छठी बार बिहार के मुख्यमंत्री बने। हालांकि, बीच में ही वह महागठबंधन से अलग हो गए और NDA में शामिल होकर फिर मुख्यमंत्री बन गए। वहीं, एक बार फिर बिहार की चुनाव में उन्होंने जीत हासिल की है और सातवीं बार मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं।