शासनवास का जन्म साल 1952 में कोट्टयम में हुआ था। 1983 से वह केरल कांग्रेस कमेटी के सदस्य थे। कांग्रेस के टिकट पर ही वह 2009 में वयानंद लोकसभा सीट से चुनाव लड़े और विजयी हुई। शानवास ने कांग्रेस में रह कर लंबे समय तक राजनीति की। यूं तो शानवास ने अपनी राजनीति की शुरुआत छात्र जीवन से कर दी थी। कॉलेज के दिनों में वह छात्र राजनीति में सक्रिय रहे। जिसके बाद उन्होंने छात्र राजनीति के समय से ही युवा कांग्रेस और सेवा दल में कई अहम जिम्मेदारियां संभाली। आपको बता दें कि सीनियर लीडर करुणाकरन के खिलाफ बगावती सुर छेड़ने वाले तीन नेताओं में भी वह शामिल थे।
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जानकारी के अनुसार शानवास की पैनक्रिया सर्जरी की जानी थी। कांग्रेस नेता 2 नवंबर को लिवर ट्रांसप्लांट सर्जरी भी करा चुके थे। इसके बाद उनकी तबीयत लगातार खराब होती गई। उनके जिगर और संक्रमण के कारण वह गंभीर रूप से बीमार थे। कांग्रेस नेता का पार्थिव शरीर बुधवार को एर्नाकुलम उत्तर रेलवे स्टेशन पर नूर जहां मंजिल से चेन्नई ले जाया जाएगा। जबकि गुरुवार सुबह 10 बजे उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। जिसके चलते उनका पार्थिव शरीर कब्रिस्तान एर्नाकुलम थॉटम में दफनाया जाएगा।