कर्नाटक में किसी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं गौरतलब है कि कर्नाटक चुनाव के परिणाम में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है। ऐसे में सरकार बनाने पर संस्पेंस बरकरार है। हालांकि बीजेपी 104 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है। वहीं 78 सीटों पर कांग्रेस दूसरे नंबर की पार्टी है। जबकि जेडीएस 38 सीटों के साथ तीसरे स्थान पर है। बड़ी पार्टी होने के नाते बीजेपी सरकार बनाने का दावा पेश कर रही है। इधर कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन के साथ सरकार बनाने का दावा किया है। कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) ने सरकार बनाने के लिए पूर्ण बहुमत होने का दावा किया है। इससे पहले कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) के नेताओं ने चेतावनी जारी की थी कि राज्यपाल की ओर से सरकार बनाने का न्योता नहीं मिलने पर राजभवन के बाहर धरना देंगे।
सही समय पर सही फैसला लिया जाएगा वहीं भाजपा विधायक दल की बैठक में विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद बी एस येदियुरप्पा ने राज्यपाल वजुभाई आर वाला से मुलाकात कर सरकार बनाने का आधिकारिक दावा पेश किया । इस दौरान राज्यपाल ने कहा कि सही समय पर सही फैसला लिया जाएगा। राजभवन जाने से पहले मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि मैं, 17 मई को सीएम पद की शपथ लूंगा। बता दें कि बीएस येदियुरप्पा चुनाव प्रचार के समय से ही दावा करते रहे हैं वो सीएम बनेंगे और 17 मई को सीएम पद की शपथ लेंगे। ठीक वैसा ही हुआ आज विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद उन्होंने शपथ लेने की जानकारी मीडिया को दी है।
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Video : एक क्लिक में जाने अबतक की 5 बड़ी खबरें सियासी पार्टियों का खेल शुरू वहीं सरकार बनाने की सियासी जोड़तोड़ में जुटी पार्टियों का खेल पूरे शबाब पर है। इसी बीच जनता दल (सेक्युलर) के नेता और कांग्रेस के समर्थन से मुख्यमंत्री बनने का दावा कर रहे एचडी कुमारस्वामी ने भारतीय जनता पार्टी पर बड़ा आरोप लगाया है। कुमारस्वामी ने दावा किया कि बीजेपी ने जेडीएस विधायकों को खरीदने के लिए 100 करोड़ रुपए का ऑफर दिया है।
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कर्नाटक में पार्टी के खस्ताहाल पर कांग्रेस में घमासान, मंत्री शिवकुमार ने सिद्दारमैया पर फोड़ा ठीकरा राज्यपाल पर सबकी निगाहें गौरतलब है कि किसी भी दल को सरकार बनाने के लिए बहुमत नहीं मिला। भाजपा 104 सीटों के साथ कर्नाटक में सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी है। लेकिन बहुमत से आठ विधायक भाजपा के पास कम है। वहीं कांग्रेस 78 और जेडीएस 38 सीटों के साथ गठबंधन कर सरकार बनाने का दावा पेश कर रहे हैं। ऐसे में सभी की निगाहें राज्यपाल पर लगी हुई हैं कि वो किसे सरकार बनाने के लिए बुलाते हैं।