दरअसल, एसआई भर्ती 2021 को लेकर लगातार खुलासे और कोर्ट के सख्त रुख के चलते इस भर्ती पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। अब सभी की नजरें भजनलाल सरकार के अगले कदम और हाईकोर्ट के आने वाले फैसले पर टिकी हैं।
अदालत ने मांगा पूरा रिकॉर्ड
बता दें, अदालत ने मामले में 13 अगस्त को एसआईटी की राय, 14 सितंबर को एजी की राय और कैबिनेट सब कमेटी की बैठकों का पूरा विवरण (मिनट्स) रिकॉर्ड सहित तलब किया है। गौरतलब है कि एसआईटी, एजी और कैबिनेट सब कमेटी ने पहले ही भर्ती को रद्द करने की सिफारिश की थी। हाईकोर्ट ने कहा कि भर्ती मामले में अदालत ने यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए थे। यदि यह साबित होता है कि आदेश की अवमानना हुई है, तो संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई होगी। अदालत ने यह भी कहा कि यदि आदेश का उल्लंघन करने से राज्य को वित्तीय नुकसान हुआ है, तो इसकी भरपाई संबंधित अधिकारियों से कराई जाएगी।
याचिकाकर्ता का आरोप- सरकार ने नहीं दिया जवाब
याचिकाकर्ता कैलाश चंद शर्मा ने हाईकोर्ट में दायर याचिका में सरकार पर आदेश की अवमानना का आरोप लगाया। याचिकाकर्ता के वकील हरेंद्र नील ने बताया कि हाईकोर्ट ने 18 नवंबर को यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था, लेकिन सरकार ने न केवल जवाब देने में देरी की, बल्कि ट्रेनी एसआई को फील्ड में भेजने का आदेश भी जारी कर दिया।
बताते चलें कि 18 नवंबर को जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने एसआई भर्ती परीक्षा 2021 में चयनित उम्मीदवारों की पासिंग आउट परेड और पोस्टिंग पर रोक लगा दी थी। अदालत ने मामले में सरकार से स्थिति स्पष्ट करने को कहा था।
कोर्ट के तीन महत्वपूर्ण आदेश
1. राजस्थान हाईकोर्ट के विस्तृत आदेश के अनुसार SI भर्ती 2021 में SIT की संपूर्ण जांच रिपोर्ट कोर्ट के सामने पेश करना होगा, वहीं 9 जनवरी तक राज्य सरकार को हर हाल में जवाब पेश करना होगा, जवाब पेश नहीं करने पर महाधिवक्ता की राय को ही फैसले का आधार माना जाएगा और माना जाएग कि सरकार SIT, एजी की राय और सब कमेटी द्वारा भर्ती रद्द करने की अनुशंसा से सहमत है। 2. जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ के विस्तृत आदेश के मुताबिक कैबिनेट की सब कमेटी मीटिंग मिनट्स भी कोर्ट में पेश किए जाए और महाधिवक्ता की ओपिनियन भी कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं।
3. हाईकोर्ट के विस्तृत आदेश के अनुसार 31 दिसंबर के सरकार के आदेश (ट्रेनी SI को जिला आंवटन) में अगर कोर्ट की अवमानना हुई तो अदालत संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए बाध्य होगी। क्योंकि इस मामले में अदालत ने यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए थे। साथ ही अगर इस आदेश से राज्य को किसी भी तरह का वित्तीय नुकसान हुआ तो उसकी वसूली भी संबंधित अधिकारी से ही की जाएगी।
अब तक 20 ट्रेनी एसआई सस्पेंड
गौरतलब है कि इस मामले में अब तक 50 ट्रेनी एसआई को एसओजी पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें से 25 आरोपी जमानत पर बाहर हैं। वहीं, पुलिस विभाग ने 20 ट्रेनी एसआई को सस्पेंड कर दिया है। हाल ही में जयपुर और उदयपुर रेंज में 11, बीकानेर रेंज में 8, और अजमेर रेंज में 1 ट्रेनी एसआई को निलंबित किया गया।