बेंगलूरु में सुबह से लगातार जारी राजनीतिक घटनाक्रमों के बीच कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष केआर रमेश ने 18 जुलाई ( गुरुवार ) का दिन विश्वास मत ( शक्ति परीक्षण ) साबित के लिए तय कर दिया है।
कुमारस्वामी के पास केवल 3 दिन विधानसभा अध्यक्ष के इस फैसले के बाद अब कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार को बचा लेने के लिए कुमारस्वामी के पास 3 दिन का समय शेष बचा है।
गठबंधन के नेताओं की सबसे बड़ी समस्या यह है कि बागी विधायक इस बार झुकने को तैयार नहीं हैं। कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धारमैया ने कहा कि बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए तारीख तय की गई है।
पहले चर्चा, फिर वोटिंग अब गुरुवार को कुमारस्वामी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होगी।अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के बाद विधानसभा में वोटिंग होगी। इससे पहले कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश से कांग्रेस नेता व कुमारस्वामी सरकार में कद्दावर मंत्री डीके शिवकुमार मिले।
हमारे 105 विधायक एक साथ भाजपा नेता सुरेश कुमार ने कहा है कि अब कर्नाटक के मुख्यमंत्री पर निर्भर है कि वह विधानसभा में बहुमत साबित करें। उन्होंने कहा कि सीएम ने खुद कहा था कि स्पीकर विश्वास मत परीक्षण के लिए समय निर्धारित करें। अब सबसे पहले विश्वास मत परीक्षण होना चाहिए।
Karnataka Crisis: सोमवार सुबह से सियासी उठापटक सिलसिलेवार – 18 जुलाई को अविश्वास प्रस्ताव – भाजपा का दावा, हमारे 105 विधायक एक साथ – विधानसभा स्पीकर से मिले कुमारस्वामी – भाजपा ने अविश्वास प्रस्ताव के लिए नोटिस दिया
– भाजपा विधानसभा में बहुमत परीक्षण की मांग पर अड़ी – ताज विवांता में कांग्रेस विधायक दल की बैठक जारी – बागी विधायक अपने रुख पर हैं कायम