बता दें कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को सरकारी बंगला उनके पिता और देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की लिट्टे आतंकियों द्वारा हत्या किए जाने के बाद मिली थी। सरकारी बंगला उन्हें एसपीजी सुरक्षा की वजह से मिली थी। हाल ही में नरेंद्र मोदी सरकार ने उनकी एसपीजी सुरक्षा वापस लेकर उससे नीचे वाली जैड श्रेणी की सुरक्षा दे दी है।
दिल्ली हिंसा पर पहली बार आया प्रधानमंत्री मोदी का बयान, बोले- राष्ट्र सर्वोपरि, विकास हमारा मंत्र इसलिए सरकार उनसे सरकारी आवास खाली करा सकती है। उनकी मां सोनिया गांधी और भाई राहुल गांधी की एसपीजी सुरक्षा भी वापस ले ली गई है। लेकिन दोनों ही लोकसभा के वरिष्ठ सांसद हैं। इसलिए केन्द्र सरकार इन दोनों के सरकारी आवास खाली नहीं करा सकेगी।
बंगला में रहने के लिए ये है विकल्प अगर प्रियंका गांधी को 35 लोधी रोड वाले सरकारी बंगला में रहना है तो सांसद का दर्जा हासिल करना होगा। यही वजह है कि सरकारी आवास बचाने के लिए उनको संसद सदस्य बनाने की बात चल रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक वह अपना सरकारी बंगला बचाने के लिए राज्यसभा सांसद नहीं बनना चाहती हैं। वहीं कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि जब भाजपा अपने कुछ नेताओं को जैड श्रेणी सुरक्षा के आधार पर सरकारी बंगले में रहने दे रही है तो उसी तरह प्रियंका गांधी को भी रहने देना चाहिए।
साेशल मीडियाः अधीर रंजन ने तंजिया लहजे में पीएम मोदी से पूछा- संत बनेंगे क्या? एमपी या राजस्थान से राज्यसभा भेजने की तैयारी लेकिन कुछ युवा कांग्रेसी नेताओं का कहना है कि यदि केन्द्र सरकार ने प्रियंका गांधी को 3 अप्रैल के बाद बंगला खाली करने का नोटिस दे दिया तब क्या होगा? उसके बाद तो नवंबर में राज्यसभा का चुनाव होगा। इसलिए पार्टी अप्रैल में खाली हो रही राज्यसभा सीटों के लिए हो रहे चुनाव में ही प्रियंका गांधी को मध्य प्रदेश या राजस्थान से राज्यसभा में भेजने की योजना पर काम कर रही है। बता दें कि नामांकन की अंतिम तिथि 13 मार्च है।